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क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रहने वाले प्रवासी मजदूरों का इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के तहत खोले गए खाते - प्रवासी मजदूरों के खोले गए खाते

इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के तहत जिले के क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर रहने वाले प्रवासी मजदूरों के खाते खोले जा रहे हैं. इससे सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि सीधे उनके खाते में पहुंचेगी.

accounts opened under india post payment bank of people living at quarantine center in samastipur
प्रवासी मजदूरों के इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के तहत खोले गए खाते

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Published : Jun 3, 2020, 9:55 PM IST

समस्तीपुर:जिले के समस्तीपुर कॉलेज क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रहने वाले कुल 87 प्रवासी मजदूरों का इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के तहत खाता खोला गया. ये खाता प्रधान डाकघर के जनसंपर्क निरीक्षक शैलेश कुमार के नेतृत्व में खोला गया. खाता खोलने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया.

इस मौके पर जनसंपर्क निरीक्षक शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि डाक विभाग के निर्देश और जिलाधिकारी के आश्वासन पर समस्तीपुर डाक प्रमंडल ने जिले के तमाम क्वॉरेंटाइन सेन्टर पर रहने वाले प्रवासी मजदूरों के खाते खोले गए. ये खाते वैसे प्रवासी मजदूरों के खोले गए हैं, जिनके पास पहले से किसी भी बैंक का खाता नहीं था. साथ ही उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी की इस घड़ी में केंद्र और राज्य सरकार गरीब और जरुरतमंदों को आर्थिक सहायता देती है. इसी लिए ये पैसे सीधे लाभुक के खाते में आए इसीलिए ये अकाउंटस खोले जा रहे हैं.

प्रवासी मजदूरों के खोले गए खाते

डाक विभाग अपने सिद्धांत को कर रहा है चरितार्थ
इसके अलावे उन्होंने बताया कि डाक विभाग लागातार अपनी पूरी सेवाएं प्रदान कर 'अहिर्निशं सेवा महे' के अपने सिद्धांत को चरितार्थ कर रहा है. जहां एक ओर लोगों को साधारण पत्रों के साथ-साथ स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री, पार्सल, सभी प्रकार की बैंकिंग सेवा और जीवन बीमा जैसी तमाम पारंपरिक सेवा उपलब्ध करा रहा है. वहीं, दूसरी ओर लोगों को अन्य बैंकों से पैसे निकासी में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के एईपीएस के जरिए किसी भी बैंक के खाते से निकासी कर लोगों की सहायता कर रहा है.

इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के तहत खोले गए खाते

डाकघरों की आम लोगों तक पहुंच बैंकों से कई गुणा ज्यादा

बता दें कि देश में अभी के समय में बैंकों की उपलब्धता और संख्या की तुलना में डाकघरों की संख्या और आम लोगों तक पहुंच कई गुणा ज्यादा है. जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार और डाक विभाग की ओर से लिया गया यह निर्णय स्वागत योग्य है.

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