समस्तीपुर:अभी तक आपने लोगों और छोटे बच्चों के आधार कार्ड बनते हुए देखे होंगे. लेकिन जिले में अब जल्द ही पशुओं का आधार कार्ड बनेगा. इसको लेकर पशुपालन विभाग ने पहल शुरू कर दी है. जल्द ही जिले में पशुओं की गणना के बाद इस पर कार्य तेज कर दिया जाएगा. इस योजना के तहत गाय-भैंस के कान के पीछे धातु का छोटा सा टैग लगाया जाएगा. जिससे पशु की पहचान हो सकेगी.
'पशुओं की जानकारी रहेगी सुरक्षित'
इस बाबत जिला पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय निदेशक डॉ.चंद्रभूषण मिश्र का कहना है कि जिले के 100 चयनित गांव में जल्द ही दुधारू पशुओं का आधार कार्ड बनना शुरू हो जायेगा. आधार कार्ड के जरिये पशुओं का सारा डाटा सरकार और विभाग के पास मौजूद रहेगा. जिससे विभाग के पास पशुओं से संबंधित हर छोटी-बड़ी बीमारियों के साथ गर्भाधान से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध होंगी.
किसानों की आय दोगुनी करना है मकसद
बताया जाता है कि इस योजना के तहत सरकार का मकसद किसानों की आय दोगुनी करना है. मामले पर पशुपालन विभाग का कहना है कि किसानों की आय में बढ़ोत्तरी तभी संभव है जब दूध का उत्पादन बढ़ेगा और यह तभी संभव होगा जब किसानों के पास उत्तम नस्ल के दुधारू पशु होंगे. योजना से बेहतर नस्ल को आगे बढ़ाया जा सकेगा, साथ ही पशुधन पर नजर रखी जा सकेगी.
जल्द बनेगा पशुओं का आधार कार्ड ई-पशु हाट से जोड़ा जाएगा
इस योजना के लिए लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है. इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से पशुओं को ई-पशु हाट से जोड़ा जाएगा. जिससे पशुपालकों को पशुधन की खरीद-बिक्री में कोई समस्या नही होगी.
'भ्रष्टाचार पर लगेगा लगाम'
वहीं, इस मामले पर संबंधीत क्षेत्र के विशेषज्ञ जयशंकर सिंह का कहना है कि इस योजना के लागू हो जाने से किसानों को प्रत्यक्ष तौर पर फायदा होगा. पशुओं का आधार कार्ड बनने से विभाग के पास सभी डाटा मौजूद रहेगा. जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा. इस योजना के तहत विभाग के किसान से सभी जानकारियां जुटाएगी, जैसे पशु ने पहला बच्चा कब दिया, उसका हेल्थ रिकार्ड कैसा है, कितना दूध देती है, पशु किस कलर की है. सभी जानकारियां पशु मालिक से जानकारी लेकर गाय के कान में एक टैग लगाया जाएगा. इसके बाद पशु कहीं भी जाएगी, तो उसी टैग के आधार पर पशु और उसके मालिक की पहचान की जाएगी. जिससे पशु तस्करी पर लगाम लग जाएगी.