समस्तीपुर:जिले में यातायात नियमों को लेकर लापरवाही और विभागीय उदासीनता के कारण सड़क पर मौतों की संख्या बढ़ रही है. यदि बीते 11 महीने के आंकड़ों पर गौर करें तो यहां 238 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में करीब 200 लोगों की जान गई है.
सड़कों पर सुरक्षित यातायात को लेकर चाहे जितने भी नियम प्रभावी हों, लेकिन धरताल पर इसका एक फीसदी भी अमल होता नहीं दिख रहा है. इसका नतीजा रोज तेज रफ्तार और अनट्रेंड ड्राइविंग की वजहों से न जाने कितने लोगों की जान जा रही है. सड़क दुर्घटना से जुड़े बीते 11 महीनों के आंकड़ों पर गौर करें तो जनवरी से नवंबर के बीच करीब 238 सड़क दुर्घटनाओं में 200 लोगों की जान गई है. इसके साथ ही करीब 50 से 60 लोग ऐसे हैं जो दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.
परिवहन विभाग जिम्मेदारियों से झाड़ रहा पल्ला
बहरहाल इन दुर्घटनाओं के पीछे लोगों के ऊपर जवाबदेही थोप जिला परिवहन विभाग खुद की जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते है. यह सही है कि यातायात नियमों को लेकर लापरवाही सड़क दुर्घटना के पीछे मुख्य वजह है. वहीं सवाल यह उठता है कि क्या परिवहन विभाग नियमों को लेकर गंभीर है. बगैर प्रशिक्षण टू व्हीलर से लेकर हैवी गाड़ियों के ड्राइविंग लाईसेंस का खेल किसी से छुपा नहीं है.
ऑनलाइन लाइसेंस बनाते समय किसी का जांच नहीं किया जा रहा है. कुछ रुपये देकर ट्रक वालों का लाइसेंस बन जा रहा है. प्रशासन दुर्घटना का इंतजार करता है, जिससे उन्हें फायदा हो सके.-उमाशंकर मिश्र, नेता, लोजपा