सहरसा:बिहार के सहरसा में सदर अस्पताल (Sadar Hospital) की बड़ी लापरवाही (Negligence) उस वक्त देखने को मिली जब एक साल के छोटे बच्चे को सांप काटने पर इलाज के लिए उसके परिजन सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड (Emergency Ward) में इलाज के लिये लाए. इस दौरान अस्पताल में ना तो बिजली थी और ना ही जेनरेटर चलाया गया.
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खास बात तो ये है कि जेनरेटर में डीजल ही नहीं था. लाइन कटने के बाद संविदा पर चल रहे जेनरेटर कर्मी तेल लाने गया था. तब तक तकरीबन 45 मिनट तक बच्चे का इलाज मोबाईल की रोशनी में ही किया जाता रहा और अस्पताल प्रशासन 45 मिनट तक मूकदर्शक बना रहा. बिजली सप्लाई नहीं होने से ऑक्सीजन की सप्लाई भी बंद रही.