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'डॉ भीम राव अम्बेडकर की मूर्ति को तोड़ना लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं'

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Published : Sep 8, 2019, 2:51 AM IST

Updated : Sep 8, 2019, 4:12 AM IST

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और आरजेडी नेता उदय नारायण चौधरी ने कहा कि जिसने इस देश का संविधान बनाया, उस डॉ भीम राव अम्बेडकर की मूर्ति को तोड़ना, लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है.

सहरसा

सहरसाः जिले में शनिवार को संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले एक रैली का आयोजन किया गया. रैली का मकसद डॉ अम्बेडकर की मूर्ति तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई और आंदोलन कर रहे लोगों पर हुए मुकदमा का विरोध करना था. इस मौके पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और आरजेडी नेता उदय नारायण चौधरी ने कहा कि जिसने इस देश का संविधान बनाया, उस डॉ भीम राव अम्बेडकर की मूर्ति को तोड़ना लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है.

रैली में मौजूद लोग

नई प्रतिमा बनाने की मांग
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के दिन डॉ अम्बेडकर की मूर्ति तोड़ी गई. लेकिन प्रशासन के तरफ से दोषियों पर अब तक कार्रवाई नहीं किया जा सका है. उल्टा पुलिस 21 अगस्त को मूर्ति तोड़ने का विरोध कर रहे लोगों पर मुकदमा कर दी है. उन्होंने कहा कि हम प्रशासन से मांग करते हैं कि अम्बेडकर की क्षतिग्रत प्रतिमा के स्थान पर उनकी नई प्रतिमा का निर्माण कराया जाए, मूर्ति तोड़ने वालों को पुलिस गिरफ्तार करे. साथ ही उसके विरोध में आंदोलन कर रहे लोगों पर हुए मुकदमा को वापस लेने की मांग करते हैं.

उदय नारायण चौधरी का बयान

डीएम के प्रतिनिधि सौंपा मांग पत्र

रैली के बाद इन मांगों को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने समाहरणालय जाकर डीएम के प्रतिनिधि को मांग पत्र भी सौंपा. इस मौके पर विधायक शिवचंद्र राम, विधायक अरुणकुमार, विधायक सह पूर्व मंत्री अब्दुल गफूर, विधायक यदुवंश यादव सहित कई अन्य लोग मौजूद थे. 21 अगस्त को हुए आंदोलन के दौरान हुई अराजकता को देखते हुए प्रशासन ने समाहरणालय परिसर के आसपास आधी रात से ही धारा 144 लागू कर दिया था. साथ ही रैली के मद्देनजर सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी.

Last Updated : Sep 8, 2019, 4:12 AM IST

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