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सहरसा में फसल को रौंद रहीं नीलगाय, किसानों ने भगवान भरोसे छोड़े खेत - etv bihar

सहरसा में नीलगाय (Nilgai Spoiled Crops in Saharsa) ने फसल को बर्बाद कर रखा है. नीलगाय के आतंक से किसान परेशान (Farmers Upset Due To Nilgai) हैं. खेतों में लगी फसल को आए दिन नीलगाय एक ही झटके में बर्बाद कर रही हैं. किसान की फसल को बचाने का उपाय सरकारी महकमे के पास भी नहीं है. पढ़ें पूरी खबर..

सहरसा में नीलगाय का आतंक
सहरसा में नीलगाय का आतंक

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Published : Feb 5, 2022, 7:54 PM IST

सहरसा:बिहार के सहरसा में नीलगाय का आतंक (Terror of Nilgai in Saharsa) देखने को मिल रहा है. जंगली नीलगाय के आतंक से किसानों ने खेत में लगी फसल को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. दरअसल, मामला जिले के नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र के मोहनपुर पंचायत का है. जहां खेतों में लगी फसल को नील गाय ने बर्बाद कर रखा है. नीलगाय के आतंक से किसानों ने सब्जियां और मक्का की खेती करनी बंदकर दी है, क्योंकि जंगली नीलगाय की बढ़ी तादाद ने किसानों की फसल को बर्बाद करना शुरू कर दिया है.

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नीलगाय झुंड में तेजी से दौड़ती हैं, जिसके कारण फसल टूटकर नीचे गिर जाती है और फसल बर्बाद हो जाती है. जंगली नीलगाय के प्रकोप से मोहनपुर पंचायत के किसान परेशान हैं. जंगली जानवरों के द्वारा फसल बर्बाद होने पर भी किसानों को सही से क्षतिपूर्ति भी नहीं मिलती है. इस संबंध में पीड़ित किसानों का कहना है कि जंगली नीलगाय के आतंक से उन लोगों ने सब्जियां और मक्का की खेती करनी बंद कर दी है. यही नहीं उन लोगों के खेत में जो फसल लगी है, वो अब भगवान भरोसे ही है.

''हमारी फसलों का बहुत ज्यादा क्षति हो रहा है. पिछले 3-4 साल से जंगली नीलगाय ने बहुत ज्यादा उत्पात मचा रखा है. हम लोगों ने नवनिर्वाचित सरपंच के पास आवेदन भी दे रखा है. उन्होंने आश्वासन दिया था कि हम वन विभाग को सूचना देते हैं, तो वहां से जानकारी आई की हम लोगों को इन्हें पकड़ने का आदेश नहीं है. जिसके बाद हम सरकार से यह गुहार लगा रहे हैं कि हमारी वाजिब क्षतिपूर्ति की जाए.''-इस्तेखार खान, किसान

''जंगली नीलगाय हमारी फसल खा जाती है, जिससे हम लोगों को क्षति होती है. वन विभाग के लोग भी कह रहे हैं कि हमारे पास इसे पकड़ने के ऑर्डर नहीं हैं. बताएं कि हम लोग क्या करें, कहां जाएं. हमारी क्षति का मुआवजा कौन देगा. हमने थाने में भी कहा तो उन्होंने वन विभाग के लिए कहा और वन विभाग के लोगों ने भी बहानेबाजी किया.''-चिकू कुमार खान, किसान


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