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केंदीय कारा बनेगा सहरसा जेल, जिलाधिकारी ने कारा मुख्यालय को भेजा प्रस्ताव - सहरसा डीएम ने कारा मुख्यालय को भेजा प्रस्ताव

सहरसा मंडल कारा जल्द ही केंद्रीय कारा में तब्दील होगा. जिलाधिकारी कौशल कुमार ने इसके लिए कारा मुख्यालय को प्रस्ताव भेज दिया है. अब इस जेल में रखे जाने वाले सजायाफ्ता बंदियों को भी दूसरे जेल में स्थानांतरित नहीं करना पड़ेगा.

सहरसा मंडल कारा अब केंद्रीय कारा के रूप में होगा तब्दील,
सहरसा मंडल कारा अब केंद्रीय कारा के रूप में होगा तब्दील,

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Published : Sep 21, 2021, 5:28 AM IST

सहरसा: बिहार के सहरसा (Saharsa) जिले के मंडल कारा अब केंद्रीय कारा (Central Jail) में तब्दील होगा. जिलाधिकारी (DM) कौशल कुमार ने इसके लिए कारा मुख्यालय को प्रस्ताव भेज दिया है. अब इस जेल में रखे जाने वाले सजायाफ्ता बंदियों को भी दूसरे जेल में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा. उनके परिजनों को भी मुलाकाती की समस्या नहीं होगी. जेल की सुरक्षा को भी काफी मजबूत किया जाएगा.

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केंद्रीय कारा होने के बाद यहां विभाग वरीय अधिकारी बैठेंगे और मुख्यालय के भी अधिकारी आते- जाते रहेंगे जिससे सभी बंदियों और कैदियों को मिलने वाली सुविधाओं पर भी ध्यान रखा जाएगा. साथ ही साथ कारा में उद्योग धंधा स्थापित होगा. जिससे बंदियों को आमदनी भी होगी. डीएम ने जेल आईजी को मंडल कारा को केंद्रीय कारा में बदलने का प्रस्ताव भेज दिया है.

जिलाधिकारी के प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद कारा में रखे जाने वाले सजायाफ्ता बंदियों को दूसरे जेल में नहीं भेजा जाएगा. केंद्रीय कारा बनने के बाद कारा में कई तरह की सुविधाएं बढ़ जाएगी. कारा विभाग की कड़ी नजर रखेगी. काराधीक्षक सुरेश चौधरी ने बताया कि केंद्रीय कारा बनने के बाद यहां बंदियों को कई तरह की सुविधाएं मिलेगी. उद्योग धंधा स्थापित होगा. बंदियों के रोजगार, शिक्षा आदि की व्यवस्था होगी.

सहरसा मंडल कारा में आजीवन कारावास और सजायाफ्ता बंदियों को रखने की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे बंदियों को पूर्णिया केंद्रीय कारा भेजा जाता है. सहरसा मंडल कारा केंद्रीय कारा पूर्णिया के ही अधीन है. मंडल कारा में किसी भी प्रकार की समस्याओं का समाधान पूर्णिया केंद्रीय कारा के अधिकारियों द्वारा ही किया जाता है. लेकिन केंद्रीय कारा बनने के बाद इस प्रकार की कई समस्याएं समाप्त हो जाएगी.

केंद्रीय कारा बनने के बाद कारा प्रशासन को कई तरह की परेशानी से मुक्ति मिल जाएगी। अभी बंदियों को दूसरे जेल भेजने के दौरान काफी सुरक्षा सबंधित परेशानी होती है. बंदियों को लाने ले जाने के दौरान विशेष सुरक्षा व्यवस्था करनी पड़ती है. जेल प्रशासन को एक्टिव रहना पड़ता है कि किसी भी प्रकार की सुरक्षा सबंधित परेशानी न हो. लेकिन केंद्रीय कारा बनने के बाद ऐसी परेशानी दूर हो जाएगी.

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बता दें कि फिलहाल बिहार में आठ केंद्रीय कारा है. जिसमें भागलपुर में दो, केंद्रीय कारा मुजफ्फरपुर, केंद्रीय कारा मोतिहारी, केंद्रीय कारा बक्सर, केंद्रीय कारा पटना, केंद्रीय कारा पूर्णिया और केंद्रीय कारा गया शामिल है.

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