सहरसा:बिहार के मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार (Nitish Kumar) के पुराने दोस्त और इंजीनियरिंग कॉलेज के उनके साथी नरेंद्र कुमार सिंह (Narendra Kumar Singh) ने उनसे एक गुहार लगाई है. नरेंद्र कुमार सिंह सहरसा के महिषी प्रखंड अंतर्गत मैना गांव के निवासी हैं. दरअसल, पिछले कई वर्षों से मैना गांव में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र (Sub Health Center) बंद पड़ा है और खंडहर में तब्दील हो चुका है. इससे स्वास्थ्य केंद्र पर ना तो डॉक्टर और नर्स आते हैं ना तो लोगों को दवाइयां मिलती है. ऐसे में नरेंद्र कुमार ने सीएम से अपील कर कहा है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें.
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सीएम के दोस्त की अपील
दरअसल, पिछले कई वर्षों से मैना गांव स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़ा है और खंडहर में तब्दील हो चुका है. चारों ओर जंगल मे तब्दील स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली और कोरोना संक्रमण की भयावता देख मुख्यमंत्री के दोस्त ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है.
खंडहर में बदल रहा स्वास्थ्य केंद्र 'मेरे गांव का स्वास्थ्य केंद्र काफी पुराना है. पिछले 5-7 सालों में इस स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बदतर हो चुकी है. ऐसे में मुख्यमंत्री से मैं आग्रह करना चाहता हूं कि संक्रमण के तीसरे लहर से पहले, सभी उप केंद्रों को दुरुस्त करके सभी केंद्रों पर 10 ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए. सभी उप स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर और नर्स की नियुक्ति भी की जानी चाहिए.'-नरेंद्र कुमार सिंह, सीएम के दोस्त
नरेंद्र कुमार सिंह, सीएम के दोस्त स्वास्थ्य केंद्र फिर से शुरू करने की मांग
नरेंद्र कुमार सिंह सहरसा के महिषी प्रखंड अंतर्गत मैना गांव के निवासी हैं. और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इंजीनियरिंग कॉलेज के मित्र हैं. यही वजह है कि अपने इलाके में बंद पड़े इस स्वास्थ्य केंद्र को लेकर नरेंद्र कुमार सिंह ने अपने मुख्यमंत्री दोस्त से गुहार लगाई है. नरेंद्र ने सीएम से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है और उनके गांव समेत बिहार में जितने भी स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े हैं उन सब को चालू करवाने की मांग की है.जिससे ग्रामीण क्षेत्रो में स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ हो सके और गरीबो का इलाज गांव में ही संभव हो सके.
इलाज में लोगों को हो रही परेशानी 'जब से होश संभाला है तब से कभी ये नहीं खुला है. यहां मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता. चारो ओर जंगल फैला हुआ है. यहां न तो चिकित्सक है और न ही नर्स का ही आना होता है. ऐसे में चिकित्सा व्यवस्था नहीं रहने से यहां के लोग इलाज के लिये बाहर जाने को मजबूर है.'- मो उस्मान, स्थानीय निवासी
ना डॉक्टर हैं और ना ही नर्स है खंडहर में तब्दील हुआ स्वास्थ्य केंद्र
ईटीवी भारत की टीम नरेंद्र कुमार सिंह के गांव मैना पहुंच स्वास्थ्य केंद्र का जायजा लिया. यह स्वास्थ्य केंद्र वर्तमान में लगभग खंडहर में तब्दील हो चुका है. स्वास्थ्य केंद्र की दीवारों में दरार आ चुकी है और छत का कई हिस्सा भी टूट चुका है. बंद पड़े इस स्वास्थ्य केंद्र के कमरों में सरकारी दस्तावेज और टूटी फूटी कुर्सियां और टेबल बिखरे पड़े हैं. इस स्वास्थ्य केंद्र की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि इसके परिसर में रखरखाव की कमी की वजह से कई जंगली पेड़ पौधे उग चुके हैं.
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