सहरसा:पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सियासत तेज हो गई है. गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड (krishnaiah murder case ) में पूर्व सांसद आनंद मोहन उम्र कैद की सजा काट रहे हैं. उनकी रिहाई और दूसरे मुद्दों को लेकर 29 जनवरी को पटना में सिंह गर्जना रैली (Singh Garjana Rally In Patna) आयोजित की गई थी. लेकिन कोरोना पाबंदियों के कारण इस रैली को स्थगित कर दिया गया है. इसपर आनंद मोहन की पत्नी (Lovely Anand demands Anand Mohan release ) और बेटे ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा.
दरअसल सिंह गर्जना रैली को लेकर देश के विभिन्न राज्यों में आनंद मोहन की पत्नी और पूर्व सांसद लवली आनंद और उनके पुत्र चेतन आनंद और अंशुमन आनंद ने लोगों को रैली में आने का न्योता दिया था. लेकिन बढ़ते कोरोना की वजह से राज्य सरकार ने कोरोना को लेकर लगाई लगाई गई पाबंदियों को 6 फरवरी तक बढ़ा दिया. इसपर आनंद मोहन के छोटे बेटे अंशुमन आनंद ने राज्य सरकार को घेरा है. पूर्व सांसद लवली आनंद का कहना है कि, सरकार नहीं चाहती है कि पटना में आनंद मोहन जी की रिहाई को लेकर कोई रैली हो. ऐसे में अब वर्चुअल के माध्यम से रैली की जाएगी.
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अंशुमन आनंद ने कहा, 'मैं अपनी उच्च शिक्षा के लिए पिछले साल इंग्लैंड गया हुआ था. पापा के साथ हुई नाइंसाफी के खिलाफ संघर्ष में साथ देने के लिए मैं एक महीने की छुट्टी लेकर आया था. पापा के साथ हो रहे अन्याय और वादा खिलाफी पर मैं चुप नही बैठूंगा. मैं वापस आऊंगा और लॉकडाउन के बाद, सुपौल से जन अभियान की शुरुआत करुंगा. दुनिया जानती है 1995 के पहले, सीएम नीतीश कुमार मात्र नालंदा के नेता थे. जॉर्ज फर्नांडीस और पापा के संघर्षों के दम पर वे बिहार के नेत बने. लेकिन वो एहसान फरामोश निकले. कभी मेरे पापा, नीतीश कुमार के उत्थान का कारण बने थे और आने वाले दिनों में उनके पतन का कारण बनेंगे.'