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Saharsa News: सहरसा की बेटी लक्ष्मी झा ने बनाया नया कीर्तिमान, तुर्की की सबसे ऊंची माउंट अरारत चोटी पर फहराया तिरंगा - सहरसा की लक्ष्मी झा

बिहार के सहरसा की बेटी लक्ष्मी झा ने एक और कीर्तिमान हासिल किया है. लक्ष्मी ने तुर्की की सबसे ऊंची माउंट अरारत चोटी पर पहुंचकर भारत का झंडा फहराया है. ऐसा करने वाली वो भारत की पहली महिला बन गई हैं. उनकी इस कामयाबी से उनके घर और गांव में खुशियों की लहर दौड़ गई है.

Lakshmi Jha of Saharsa
Lakshmi Jha of Saharsa

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 29, 2023, 11:46 AM IST

Updated : Aug 29, 2023, 12:07 PM IST

पटनाः बिहार के सहरसा जिले के रहने वाली पर्वतारोही लक्ष्मी झा ने एक बार फिर से नया इतिहास रच डाला है. सहरसा के बनगांव की रहने वाली लक्ष्मी झा ने तुर्की की सबसे ऊंची चोटी माउंट अरारत पर फतह हासिल की है. लक्षमी ने 22 अगस्त को 16854 फिट ऊंची माउंट अरारत की चोटी पर 15 डिग्री सेल्सियस में खराब मौसम के बावजूद चढ़ाई की और अपने नाम नया रिकॉर्ड बना लिया. इससे पहले वो उत्तराखंड के काला पत्थर और चंद्रशिला पर्वत पर चढ़ाई करने में सफलता हासिल की थी.

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18 अगस्त को लक्ष्मी ने शुरू की चढ़ाईः जानकारी के मुताबिक लक्ष्मी झा ने आरा के पूर्व सांसद आरके सिन्हा व एसआइएस कंपनी के संस्थापक से बीते 12 अगस्त को फ्लैग ऑफ लेकर तुर्की की सबसे ऊंची चोटी अरारत पर पहुंचने के लिए दिल्ली से इस्तांबुल के लिए निकलीं थी. 15 अगस्त को ही वो माउंट अरारत की चोटी पर तिरंगा फहराना चाहती थी. लेकिन जब वो दोगुबेयाजित सिटी पहुंची, तो पता चला कि मौसम खराब है और बर्फबारी व तेज तूफान के कारण अरारत की चोटी पर जाना मुश्किल है. जिसके बाद उन्हें अपना प्लान कैंसिल करना पड़ा. फिर 18 अगस्त को उन्होंने अपनी यात्रा शुरू की.

तुर्की के माउंट अरारत पर सहरसा की बेटी लक्ष्मी झा

22 अगस्त को माउंट अरारत पर फहराया तिरंगाः 22 अगस्त को वो तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए अरारत की चोटी पर पहुंच गईं. लक्ष्मी ने बताया कि इस मिशन को वो कम समय में पूरा करना चाहती थीं, मौसम काफी खराब था. बेस कैंप पर बादल ही बादल थे. इसके बावजूद वो कठिन और खड़ी चढ़ाई को पूरा करते हुए चोटी तक पहुंच गईं. पूरा पहाड़ पत्थरों से भरा हुआ था, एक दो बार पत्थर खिसक कर नीचे भी गिरा लेकिन वो हार नहीं मानी और अपना सफर जारी रखा. आखिरकार 22 अगस्त को माउंट अरारत की चोटी पर पहुंच गईं और वहां भारत का तिरंगा लहरा दिया.

'जब हिम्मत टूटती तो राष्ट्रीय ध्वज को देखकर शक्ति मिलती थी. मंजिल सामने दिखाई देने लगती थी. हौसला बुलंद था सोच लिया था कि चोटी पर फतेह करके ही वापस आना है. माउंट अरारत की पूरी चढ़ाई 41 घंटे में पूरी की. पत्थरों से भरा हुआ रास्ता था. पत्थर एक दो बार खिसक के नीचे भी गिरा. डर भी लग रहा था. ऊपर से हड्डी गला देने वाली 15 डिग्री का टेंपरेचर से हिम्मत भी टूट रही थी, लेकिन लक्ष्य - को पूरा करना था'-लक्ष्मी झा, पर्वतारोही

सहरसा की बेटी लक्ष्मी झा

इससे पहले भी बना चुकी हैं कई रिकॉर्डःआपको बता दें कि इससे पहले लक्ष्मी ने साल 2022 नेपाल में काला पत्थर चोटी और मार्च 2023 में किलिमंजारो की चोटी पर तिरंगा लहराया था. जो अफ्रीका का सबसे उंचा पर्वत है. किलिमंजारो चोटी समुद्र तल से 5,895 मीटर 19,341 फीट ऊंची है. 2022 में ही वो माउंट एवरेस्ट बेस पर भी पहुंची थी. हालांकि वो एवरेस्ट की चोटी पर नहीं पहुंच सकीं, क्योंकि वहां पहुंचने के लिए 40 से 45 लाख रुपये खर्च कर कड़े अभ्यास की जरूरत होती है. लेकिन लक्षमी के हौसलें अभी भी बुलंद हैं. वह कहती हैं कि एक दिन वो एवरेस्ट की चोटी पर जरूर पहुंचेगीं.

Last Updated : Aug 29, 2023, 12:07 PM IST

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