सहरसाः बिहार के कोसी प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ (Kosi Divisional Commissioner Gorakhnath) ने सोनवर्षा राज साओ उदय शंकर मिश्र (Sonvarsha Raj CO Uday Shankar Mishra) व राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक दीपक कुमार पर कार्रवाई की. लापरवाही के मामले में प्रपत्र "क" गठित करने का आदेश दिया है. बताया गया कि भू-स्वामी सह मूल्यांकन प्रमाण पत्र निर्गत करने में गड़बड़ी को लेकर यह कार्रवाई की गई है.
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भू-स्वामी सह मूल्यांकन प्रमाण पत्र में गड़बड़ीःसोनबरसा राज के मंगवार गांव निवासी स्व जयकांत सिंह के पुत्र अरविंद सिंह को बिना किसी जांच-पड़ताल के दाखिल जमीन के कागजात पर 32 लाख 78 हजार 250 रुपए निर्गत कर दिया गया है. जबकि अरविंद सिंह ने अंचलाधिकारी को दिए गए जमीन के कागजात में उनके अलावे, उनके पिता, भाई और चाचा का भी हिस्सा होने का मामला सामने आया है. भू-स्वामी प्रमाण पत्र व्यक्तिगत रूप से जमीन के स्वामी होने पर ही निर्गत किया जाता है.
क्या दिया गया है निर्देशः प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ ने आदेश दिया कि सरकार के नियमावली के विरुद्ध अरविंद सिंह को डीएसडी में चयनित किया गया है. उक्त वाद लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के द्वारा पारित आदेश के विरोध में दायर किया गया था. जिसमें बताया गया था कि सोनवर्षा राज सीओ ने अरविंद सिंह को परिवहन हथालन सह आपूर्ति अभिकर्ता के रूप में वर्ष 2022 के लिए चयनित किया गया है. नियमानुसार आवेदन कर्ता के नाम से दिए गए भूस्वामी मूल्यांकन प्रमाण पत्र 15 लाख रुपए के ऊपर होना चाहिए.
सीओ ने नहीं दिया संतोषप्रद जबावः आवेदक अरविंद सिंह ने जमीन की जो प्रमाण पत्र सीओ को दिया था. उनमें उनकी जमीन के स्वामी उनके अलावा उनके पिता, भाई और चाचा भी हैं. जिसके कारण उनके हिस्से की जमीन कम हो जाती है. ऐसे में जब लोक प्राधिकार द्वारा सोनबरसा राज सीओ से जवाब मांगा गया तो उन्होंने संतोषप्रद जबाव नहीं दिया. जिसके बाद अधिकारी पर कार्रवाई की गई.
मिलीभगत कर गलत प्रमाण पत्र बनवायाः स्व. जयकांत सिंह के तीन पुत्र हैं. जिनमें सुनील सिंह, अरविंद सिंह व राजेश सिंह हैं. इस प्रकार अरविंद सिंह को व्यक्तिगत रुप से 23.5 डिसमिल का ही हिस्सा बनता है. वही भूमि का मूल्य 46 हजार 500 प्रति डिसमिल के दर से यह रकम मात्र 10 लाख 92 हजार 750 रुपए ही बनता है. जबकि सीओ से मिलीभगत कर उन्होंने प्रमाण पत्र में 32 लाख 78 हजार 250 रुपए का स्वामी बना लिया है। जिसके बल पर वे डीएसडी में चयनित हो गए हैं.
"नियमों की अनदेखी करते हुए अरविंद सिंह को सीओ द्वारा द्वारा लाभ दिया गया. इस मामले में राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक भी पूर्ण रूप से दोषी हैं. इस में निविदा को रद्द करते हुए उपरोक्त दोनों पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करते हुए विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाए."-गोरखनाथ, प्रमंडलीय आयुक्त, कोसी