सहरसाः बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इन दिनों राज्य के विभिन्न सरकारी स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं. इस निरीक्षण में गड़बड़ी पाए जाने पर कई शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा चुकी है. इसी कड़ी में गुरुवार की देर शाम केके पाठक सहरसा पहुंचे, जहां उन्होंने अध्यापक प्रशिक्षण महाविद्यालय का जायजा लिया. इस दौरान केके पाठक कॉलेज कैंपस में लाइट नहीं देख नाराज हो गए. अंधेरा में ही कमरे का जायजा लेना पड़ा.
KK Pathak News : रात में केके पाठक अचानक पहुंचे सहरसा टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर, पूछा- इतना अंधेरा क्यों है?.. फिर खिंचवाई सेल्फी
बिहार के सहरसा में केके पाठक ने देर शाम अध्यापक प्रशिक्षण महाविद्यालय का जायजा (KK Pathak In Saharsa) लिया, इस दौरान कॉलेज परिसर में अंधेरा देख नाराज हो गए. कॉलेज के प्रचार्य को फटकार लगाते हुए कैंपस में लाइट लगवाने का निर्देश दिया. पढ़ें पूरी खबर...
Published : Oct 13, 2023, 8:22 AM IST
|Updated : Oct 13, 2023, 12:31 PM IST
फर्नीचर लगवाने का निर्देश:दरअसल, केके पाठक मधेपुरा जा रहे थे, इसी दौरान देर शाम सहरसा पहुंचे, हालांकि इसके बारे में जिले के तमाम अधिकारियों को पहले से पता था. इसलिए केके पाठक के पहुंचने से पहले ही सहरसा के डीएम सहित अन्य अधिकारी और कॉलेज के प्राचार्य स्वागत के लिए तैयार रहें, लेकिन जैसे ही केके पाठक कॉलेज के कमरे में पहुंचे अंधेरा देख नाराज हो गए. उन्होंने प्राचार्य से कमरे और बरामदा पर लाइट लगाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही क्लास में फर्नीचर लगवाने का भी निर्देश दिया.
भोजन की गुवत्ता की जांच की:इस दौरान केके पाठक ने अध्यापक प्रशिक्षण महाविद्यालय में शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी निरीक्षण किया. प्रशिक्षणार्थियों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली. वहां प्रशिक्षण ले रहे शिक्षक व शिक्षिकाओं से बातचीत की फिर इसके बाद ट्रेनिंग ले रहे शिक्षकों को मिलने वाले भोजन की गुवत्ता की जांच की. हालांकि भोजन की गुवत्ता अच्छी होने से केके पाठक अच्छे मूड में दिखे. ट्रेनिंग ले रहे शिक्षक-शिक्षिकाओं ने केके पाठक के साथ सेल्फी भी ली.
शिक्षा में सुधार पर बातचीत:कॉलेज के निरीक्षण करने के बाद केके पाठक जिले के अधिकारियों से शिक्षा में सुधार पर बातचीत की. गुरुवार की रात केके पाठक सहरसा में ही रूके. शुक्रवार की सुबह मधेपुरा के लिए रवाना हो गए. केके पाठक के सहरसा पहुंचने से सरकारी स्कूलों के शिक्षक अलर्ट मोड में आ गए थे कि कहीं केके पाठक मेरे स्कूल में न जाए. इसलिए सभी व्यवस्था को दुरुस्त करने में लग गए थे, लेकिन केके पाठक मधेपुरा के लिए रवाना हो गए.