सहरसा: मुख्यमंत्री के जल जीवन हरियाली यात्रा में स्टॉल निरीक्षण के दौरान उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई. जब जीविका की एक दीदी ने रोते हुए मुख्यमंत्री के सामने अपनी दास्तां सुनाई. दरअसल जीविका दीदी ड्रीम प्रोजेक्ट शराब बंदी कानून को लागू करवाने के दौरान मिले दायित्व का निर्वहन कर रही थी. जो एक शराब कारोबारी को नागवार गुजरा और उसने इसके बेटे को मौत के घाट उतार दिया. बता दें कि यह मामला थाने भी पहुंचा पर 6 महीने गुजरने के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई.
सहरसा: जीविकी दीदी ने सुनाई बेटे के मौत की दास्तां, सीएम ने दिए तुरंत कार्रवाई के आदेश - सीएम ने तत्काल कार्रवाई के दिए निर्देश
सहरसा के ओपी क्ष्रेत्र में एक जीविका दीदी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बिहार सरकार की महत्वकांक्षी योजना शराब बंदी को सख्ती से लागू करने में सहयोग कर रही थी. इसी दौरान गांव के शराब कारोबारियों को उसका यह काम नागवार गुजरा और उन्होंने जीविका दीदी के बेटे की हत्या कर दी.
अपराधी की नहीं हो सकी गिरफ्तारी
बता दें कि पूरा मामला सहरसा जिले के पतरघट ओपी क्षेत्र के धबौली गांव का है. जहां जीविका दीदी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना शराब बंदी को सख्ती से लागू करने में सहयोग कर रही थी. इसी दौरान गांव के शराब कारोबारियों ने उनके बेटे की हत्या कर दी. बेटे की हत्या की शिकायत लेकर जीविका दीदी थाने पहुंची. लेकिन 6 महीने गुजरने के बावजूद अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी. वहीं, अपराधियों की ओर से लगातार पीड़ित को थाने से शिकायत वापस लेने की धमकी मिलनी शुरू हो गई.
सीएम ने तत्काल कार्रवाई के दिए निर्देश
हालांकि रविवार को मुख्यमंत्री ने खुद जीविका दीदी की कहानी उसकी जुबानी सुनकर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. निर्देश मिलने के बाद खुद डीजीपी ने तत्काल मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का दायित्व कोशी क्षेत्र के डीआईजी को सौंप दिया. साथ ही 2 दिनों के अंदर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी दिया. बहरहाल अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है.