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Saharsa News: संत बाबा कारू धाम मंदिर की दान पेटी से निकले लाखों रुपये के सड़े गले नोट, 4 साल बाद खुला बॉक्स

सहरसा में लाखों रुपये के सड़े गले नोट निकले हैं. 2 दिन पहले बाबा कारू धाम मंदिर की दान पेटी खोली गई है. इसमें करीब 50 लाख रुपये के नोट होने की संभावना है. दो दिन चली नोटों की गिनती में कई नोट सड़ी-गली हालत में निकले हैं. पिछले 4 साल से मंदिर की दान पेटी बंद थी. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jun 15, 2023, 10:19 PM IST

कारू धाम मंदिर की दान पेटी से निकले सड़े गले नोट
कारू धाम मंदिर की दान पेटी से निकले सड़े गले नोट

कारू धाम मंदिर की दान पेटी से निकले सड़े गले नोट

सहरसा:बिहार के सहरसा में प्रसिद्ध बाबा कारू धाम मंदिर की दान पेटी को करीब चार साल के बाद खोला गया है. इसमें करीब 50 लाख रुपये के नोट होने की संभावना जताई जा रही है. जिसकी गिनती जारी है. 2 दिन तक चली गिनती में लाखों रुपये मूल्य के नोट सड़े-गले निकले हैं. बताया जाता है कि श्रद्धालुओं के द्वारा दान पेटी में दूध और पानी चढ़ाने के कारण नोट पानी में सड़ गल गए हैं. आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी एसडीओ के ध्यान नहीं देने की वजह से यह स्थिति बनी है.

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15 दिन तक और चल सकती है नोटों की गिनती:बताया जाता है कि कई वर्षों के बाद एक बार फिर बाबा कारू धाम की दान पेटियों को खोला गया है. दान पेटी में करीब 50 लाख रुपये के नोट होने की संभावना है. इसकी गिनती पिछले दो दिन से चल रही है, जो आने वाले करीब 15 दिन तक और चल सकती है. दरअसल, मंदिर के रख-रखाव को लेकर न्यास बोर्ड गठित है. इसका अध्यक्ष प्रशासनिक अधिकारी एसडीओ है. मगर, पिछले 4 साल से इस पर ध्यान नहीं दिया गया. इस कारण नोटों का बुरा हाल हो गया है.

मंदिर में हैं 6 दान पेटियां: महिषी प्रखंड के कारू बाबा मंदिर में लाल रंग की 6 दान पेटियां लगी हुई है. इसमें से महज एक दान पेटी को ही अभी खोला गया है. इसकी गिनती विगत 2 दिनों से चल रही है. इसमें करीब 50 लाख से ज्यादा रुपए सुरक्षित निकलने की संभावना है. लापरवाही के चलते नोट सड़ गए. जिससे मंदिर के पुजारी,श्रद्धालु सहित स्थानीय लोग काफी आहत है.

बैंक में भेजने का प्रावधान है:मंदिर के महंत बाबा उपेंद्र खिरहर का कहना है कि साल 2018 और 2019 के बाद किसी ने भी इस और ध्यान नहीं दिया. इसके लिए न्यास बोर्ड का गठन है. इसके बावजूद रखरखाव ठीक से नहीं चल रहा है. दरअसल, न्यास बोर्ड का अध्यक्ष एसडीओ होता है. इसलिए उनके द्वारा ही नोट को जमा कराने के लिए बैंक में भेजने का प्रावधान है. मगर, ऐसा नहीं किया गया और इस कारण लाखों रुपये के मूल्य के नोट की बर्बादी सामने आई है.

"चार साल से मंदिर का दान पेटी बंद है. इसके लिए न्यास बोर्ड का गठन है. इसके बावजूद रखरखाव ठीक से नहीं चल रहा है.श्रद्धालुओं के द्वारा दान पेटी में दूध और पानी चढ़ाने के कारण नोट पानी में सड़ गल गए हैं. आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी एसडीओ के ध्यान नहीं देने की वजह से यह स्थिति बनी है."-बाबा उपेंद्र खिरहर, मंदिर के महंत

मंदिर में भक्तजनों के चढ़ाए दूध से बनती है खीर :जिला मुख्यालय से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर के महिषी प्रखंड अंतर्गत महपुरा गांव में स्थित संत बाबा कारू खिरहरी मंदिर की विशेषता यह भी है कि यहां भक्तजनों के चढ़ाए दूध से खीर बनती है. इस मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए दूरदराज से भी लोग आते हैं. यहां तक की इस मंदिर की चर्चा पड़ोसी के देश नेपाल में भी होती. वहां के भी श्रद्धालु इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं. वहीं इस मंदिर में लाखों रुपए की दान भी होती है, लेकिन 4 सालों से दान पेटी खोला नहीं गया.

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