सहरसा: बिहार के सहरसा दो पक्षों के बीच मारपीट में जख्मी महिला लीला देवी की इलाज के दौरान मौत हो गई. मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शव के साथ सड़क जाम कर पुलिस प्रशासन के विरुद्ध जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इधर बनमा ओपी पुलिस जाम स्थल पर पहुंच कर शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए ले जाना चाह रही थी, लेकिन ग्रामीण आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे.
क्या है पूरा मामला:दरअसल पूरा मामला जमीन विवाद से जुड़ा है, जहां सहुरिया पंचायत के भूत पूर्व मुखिया सुगमा गांव निवासी सुशील पासवान और स्वर्गीय नाथों तांती की पत्नी लीला देवी के बीच कई दिनों से जमीन विवाद चल रहा था. जनता दरबार में दोनों के मामलों पर सुनवाई हुई, लेकिन कोई ठोस निदान नहीं निकला. जिसके बाद दोनों पक्षों में खूब मारपीट हुई.
ढ़ाई एकड़ जमीन पर विवाद:बताया जा रहा है कि पूर्व में लीला देवी के परिजन ढ़ाइ एकड़ जमीन पर खेत जोत रहे थे. यह जमीन राजा द्वारा उन्हें बंदोबस्त किया गया था. बाद में सीओ द्वारा उसी जमीन पर बासगीत पर्चा विपक्षियों को दे दिया गया, तब से लेकर आजतक उसपर जमीन विवाद चल रहा है. मृतका लीला देवी का बेटा विजय तांती का कहना है कि इससे पूर्व उसी जमीन पर बने उनके घर में सुशील पासवान व उनके परीजनों द्वारा आग लगा दिया गया.
इलाज के दौरान महिला की मौत: 5 नवंबर को विपक्षी सुशील पासवान अपने सहयोगियों के साथ हरवे हथियार के बल पर खेत जोतने पहुंचे. जब लीला देवी के परिजनों को पता चला तो उन्होंने उसका विरोध किया. विरोध करने पर दूसरे पक्ष के सुशील पासवान, फुलेश्वरी देवी, आरजू कुमार, राहुल कुमार समेत अज्ञात लोगों ने लाठी डंडे से लीला देवी के साथ मारपीट की. घायल को परिजन इलाज के लिए सोनबरसा राज पीएचसी ले गए जहां 8 नवंबर को उसकी मौत हो गई.