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सहरसा: बैंड बाजे के साथ शहीद भोला ठाकुर की पत्नी को दी गई अंतिम विदाई - Bhola Thakur was martyred for the country

शहीद भोला ठाकुर की 103 वर्षीय धर्म पत्नी बेचनी देवी के अंतिम संस्कार में जन सैलाब उमड़ पड़ा. ग्रामीणों ने बैंड बाजे के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी.

शहीद भोला ठाकुर की पत्नी की अंतिम विदाई

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Published : Sep 28, 2019, 1:18 PM IST

सहरसा: अंग्रेजों से लोहा लेकर भारत छोड़ो आंदोलन में शहीद हुए भोला ठाकुर की 103 वर्षीय धर्म पत्नी बेचनी देवी का अंतिम संस्कार चैनपुर में भोला ठाकुर के शहीद स्मारक के पास किया गया. बेचनी देवी के दत्तक पुत्र अजय ठाकुर ने उन्हें मुखाग्नि दी.

उनके अंतिम संस्कार में जन सैलाब उमड़ पड़ा. ग्रामीणों ने बैंड बाजे के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी. शव यात्रा में विधायक और मुखिया सहित कई लोग उपस्थित थे. लोगों का कहना है कि आजादी की लड़ाई में शादी के नौ महीने बाद ही इन्होंने अपने पति का अंग्रेजों को भगाने में साथ दिया था.

बैंड बाजे के साथ शहीद भोला ठाकुर की पत्नी को दी गई अंतिम विदाई

देश को आजादी दिलाने में भोला ठाकुर की थी अहम भूमिका
बता दें कि देश को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद कराने के लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश भर में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में चला था. 29 अगस्त 1942 को सहरसा में चांदनी चौक के समीप कचहरी पर तिरंगा फहराने के दौरान सहरसा के छह वीर सपूतों की जान अंग्रेजों की गोली से गयी थी. जिसमें एक चैनपुर का शेर कहलाने वाले भोला ठाकुर गंभीर रूप से घायल हो गये थे.

बेचनी देवी के अंतिम संस्कार में उमड़ा जन सैलाब

देश को समर्पित किया था जीवन
कुछ दिनों बाद इलाज के दौरान भोला ठाकुर शहीद हो गए थे. जिसके बलिदान के बाद आज आजाद भारत कहलाता है. जिस समय उनका निधन हुआ उस वक्त उनकी शादी को मात्र नौ माह ही हुए थे. उन्हें एक भी संतान नहीं था. उनकी देखभाल शहीद भोला ठाकुर के छोटे भाई ब्रह्मदेव ठाकुर और उनके पुत्र किया करते थे.

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