सहरसा: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त बुलावे पर 8 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल को लेकर जिले के तमाम मजदूर संगठनों ने रविवार को मजदूर कार्यालय में एक अहम बैठक की. बैठक के दौरान भारी संख्या में मजदूर और किसान उपस्थित रहे. इस दौरान सभी ने एक स्वर से केंद्र सरकार की नीतियों के विरुद्ध इस देशव्यापी बंद को सफल बनाने का निर्णय लिया.
8 जनवरी को हड़ताल करेंगे मजदूर
संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त बुलावे पर 8 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल और चक्का जाम का बुलाया गया है. जिसमे वामदलों के अलावा विभिन्न मजदूर संगठनों और किसान यूनियन शामिल हैं. सभी ने संयुक्त रूप से इस देशव्यापी आंदोलन को सफल बनाने का निर्णय लिया है. वहीं, सीपीआई के राष्ट्रीय परिषद सदस्य ओम प्रकाश नारायण ने बताया कि 12 सूत्री मांगों को लेकर आगामी 8 जनवरी को सभी मजदूर हड़ताल पर बैठेंगे. उन्होंने बताया कि यह देश मजदूरों और किसानों का है. 8 जनवरी को मजदूर और किसान अखिल भारतीय हड़ताल पर जा रहे हैं. इनकी मांगो में मुख्यरूप से 21 हजार रूपये न्यूनतम मजदूरी और 10 हजार रुपये मानसिक पेंशन देने, एनपीएस वापस लेने के अलावा श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधन और मालिकों की गुलामी के चार लेवर कोड रद्द किया जाए.
इन मांगों को लेकर करेंगे हड़ताल
यूनियन नेता ने कहा कि निर्माण मजदूर रिक्शा-ठेला ई रिक्शा, ऑटो, जुगाड़ चालक, घरेलू दाई ,मोटिया सहित सभी असंगठित मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जाए. सभी का निबंधन किया जाए, नियमित काम की गारंटी दिया जाए और सभी उम्र के मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जाए. सभी का निबंधन किया जाए, नियमित काम की गारंटी दी जाए और सभी उम्र के मजदूरों को बिना कोई मासिक शुल्क लिए पेंशन योजना से जोड़ा जाए. सभी फुटपाथ दुकानदारों को वेंडिंग जोन का निर्माण कर स्थाई जगह दी जाए. सभी स्कीम कर्मियों, आशा, मिड डे मील और आगनवाड़ी को श्रमिक का दर्जा दिया जाए. बीमार और बंद उद्योगों को चालू किया जाए. सभी ग्रामीण और शहरी परिवारों के लिए कारगर रोजगार कानून बनाया जाए. रोजगार का स्थायीकरण ठेका मजदूरों को नियमित किया जाए. ठेका आउटसोर्सिंग प्रथा खत्म किया जाए. पथ परिवहन सुरक्षा विधेयक 2014 और मोटर वाहन अधिनियम 2019 वापस लिया जाए. रेल बैंक बीमा डिफेंस कोयला, इस्पात समेत सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों और शिक्षा स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाओं का निजीकरण बंद किया जाए 100 प्रतिशत एफडीआई वापस लिया जाए. राष्ट्रीय संपत्ति बेचना बंद किया जाए. किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश से लागू किया जाए. किसानों के ऋण माफ किए जाएं. बटाईदारों को किसान का दर्जा दिया जाए. बिजली कंपनी परिवहन निगम और अन्य राजकीय लोक उपक्रम के निजीकरण पर रोक लगाई जाए. राज्य और जनता हित में इसको सुदृढ़ किया जाए. इन सभी मांगों को लेकर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त बुलावे पर 8 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल करेंगे.
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने की बैठक ये रहे मौजूद
इस बैठक में कंस्ट्रक्शन लेवर यूनियन अध्यक्ष सतनारायण चौपाल, राजमिस्त्री सा मजदूर संघ मो0 नसीर, प्रदेश महासचिव बिहार कांग्रेस राम सागर पांडेय, राष्ट्रीय परिषद सदस्य सीपीआई ओम प्रकाश नारायण, कपिल देव यादव, मुकेश कुमार यादव, कृष्णा प्रसाद साह, रामगुलाम यादव और सतनारायण चौपाल सहित कई लोग मौजूद थे.