अगर आकड़ों की बात करें तो जिले की कुल 15 लाख की आबादी पर सदर अस्पताल के अलावे दस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं पंद्रह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. उसमें मात्र 26 चिकित्सक हैं. जिसमें मात्र 16 रेगुलर चिकित्सक शेष हैं. बाकी संविदा पर नियुक्त हैं. इस तरह देखा जाय तो बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का सरकारी दावे के पोल खोल रही है.
यहां 15 लाख की आबादी पर है सिर्फ एक सदर अस्पताल, स्वास्थ्य सेवा बदहाल - बदहाल स्वास्थ्य सेवा
सहरसा: जिले में स्वास्थ्य सेवा बदहाल स्थिति में है. सदर अस्पताल चिकित्सकों की भारी कमी से जूझ रहा है. 65 चिकित्सकों के जगह केवल 13 चिकित्सकों के ऊपर निर्भर है. ऐसे में मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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कोसी के PMCH के नाम से प्रसिद्ध है सदर अस्पताल
सहरसा का सदर अस्पताल कोसी के पीएमसीएच के नाम से प्रसिद्ध है. लेकिन इसकी बदहाल हालत इसके तमाम दावों की पोल खोल रही है. वहीं, इस बाबत समाजसेवी अजय सिंह और मंजीत ने बताया कि यहां दूर दराज के इलाके से गरीब लोग आते हैं लेकिन यहां डॉक्टर की कमी की वजह से रैफर होना पड़ता है. यह गरीब-पिछड़ों का इलाका है. इसके लिए सरकार को ध्यान देना चाहिये.
सिविल सर्जन ने भी माना डॉक्टरों की कमी
इस बाबत सिविल सर्जन शैलेन्द्र गुप्ता ने बताया कि डॉक्टर की कमी है जिसके वजह से दिक्कत होती है. साथ ही, मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने में भी परेशानी होती है. सही मायने में इतनी बड़ी आबादी के बीच इतना कम डॉक्टर होने का एक मात्र वजह सरकारी उदासीनता है.