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स्कूल में शौचालय तो बन गया लेकिन नहीं बन सका भवन, झोपड़ी में पढ़ते हैं बच्चे

सुंदरवन के इस प्राइमरी स्कूल को अपनी जमीन भी उपलब्ध है. लेकिन 12 वर्षो के बाद भी इसे अपना भवन नहीं मिल सका.

झोपड़ी में पढ़ते बच्चे

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Published : Feb 22, 2019, 2:18 PM IST

सहरसाः सरकार स्कूलों और शिक्षकों के वेतन पर लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन बिहार में सरकार के ये स्कूल ज्ञान के लिए नहीं सिर्फ कोरम पूरा करने के लिए चलाये जा रहे हैं. सहरसा जिले के मुरली बसंतपुर पंचायत का सुंदरवन गांव में स्थित एनपीएस इसका उदारहण है.

इस विद्यालय की स्थापना 2007 में हुई थी. पहली से पांचवी कक्षा तक कि पढ़ाई कराने वाले इस स्कूल में प्रधानाध्यापक सहित तीन शिक्षक हैं. अभी इस स्कूल में 130 बच्चे हैं. रोजाना आने वाले बच्चों की संख्या भी सौ के पार ही होती है. एनपीएस सुंदरवन को अपनी जमीन भी उपलब्ध है. लेकिन 12 वर्षो के बाद भी इसे अपना भवन नहीं मिल सका.

झोपड़ी में पढ़ते बच्चे और बयान देते शिक्षक

पूरे बरसात बंद रहता है स्कूल

बच्चे झोपड़ी में पढ़ने को विवश हैं. तेज गर्मी हो तो बच्चे झुलसते हैं. कड़ाके की सर्दी में यह ठिठुरते हैं. बरसात के मौसम में तो इनकी पढ़ाई बंद ही हो जाती है. आश्चर्य तो यह है कि शिक्षा विभाग ने योजना के तहत स्कूल में शौचालय तो बनवा दिया, लेकिन बच्चों के पढ़ने के लिए कमरों के निर्माण के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.

प्रधानाध्यापक और शिक्षकों का कहना है कि पढ़ाई में काफी कठिनाई होती है. कई बार विभाग को लिखित आवेदन दिया गया, लेकिन विभाग की और से कोई ध्यान नहीं दिया जाता है.

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