सहरसा में आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन सहरसा:बिहार के सहरसा में आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन देखने को मिला. सोमवार को बिहार राज्य आशा एवं आशा फेसिलेटर संघ की महिलाओं के जुलूस निकालकर रोषपूर्ण प्रदर्शन किया. जुलूस शहर के रविदास चौक से निकलकर समाहरणालय होते हुए धरनास्थल पहुंचा. आशा महिला संघ के जिला महामंत्री ज्योति कुमारी ने सरकार के समक्ष कई मांगों को रखा.
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2005 में हुआ चयनः प्रदर्शन कर रही आशा ने बताया कि उनलोगों का 2005 में चयन हुआ था. उस समय से हमलोग जच्चा बच्चा की रक्षा के लिए काम कर रही है, लेकिन ये निक्कमी सरकार हमलोगों के श्रम का शोषण कर रही है. हमलोगों की मांग है कि नियत मजदूरी मिले ताकि हमलोग अपने परिवार को अच्छा से चला सके. सरकार मजदूरी देने के लिए तैयार नहीं है. आशा महिला संघ की जिला महामंत्री ने सरकार से मानदेय देने की मांग की.
मानदेय देने की मांगः 2018 में अपनी मांगों को लेकर हमलोग हड़ताल किये थे. उस समय सरकार गलत सूचना देकर कहा कि 1000 का मानदेय दिया जा रहा है, लेकिन बाद में 'पलटू सरकार' ने कहा कि यह मानदेय नहीं पारितोषिक दिया जा रहा है. आशा ने कहा कि हमलोगों को पारितोषिक नहीं चाहिए.
"हमें रोटी की व्यवस्था नहीं है. हमें मानदेय चाहिए. सभी आशा बहनों को मानदेय चाहिए. अगर हमलोगों को मानदेय नहीं मिलेगा तो सरकार को 2024 में गद्दी से उतारकर छोड़ेंगे, अन्यथा हमारी मांगों को पूरा करे. जब तक मांग पूरी नहीं होगी हमलोग हड़ताल नहीं तोड़ेंगे."-ज्योति कुमारी, जिला महा मंत्री, आशा महिला संघ