रोहतासः सरकार 'उज्ज्वला योजना' को धरातल पर लाकर हर गरीब की रसोई से धुआं गायब करने के दावे करती है. लेकिन आज भी सुदूर और ग्रामीण इलाके के गरीबों के घरों में खाना चूल्हा पर ही बनाता है. इनकी रसोई पूरी तरह से धुओं से भरी होती है. जिला मुख्यालय के शिवसागर प्रखंड में सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक 'उज्ज्वला योजना' का लाभ गरीब परिवारों को नहीं मिल पा रहा है. काफी मशक्कत के बाद यहां की महिलाएं दूर-दराज से लकड़ियां चुनकर लाती हैं और खाना बनाती हैं.
चूल्हे पर खाना बनाती महिला दूर-दराज से लाती हैं जलावन
रोहतास जिले के शिवसागर में आज भी कई परिवार की महिलाएं गोइठा और जंगल से लकड़ियां लाकर खाना बनाने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं इन गरीब परिवारों के लिए चूल्हा जलाना किसी जंग से कम नहीं है. क्योंकि वह अपने जलावन के लिए कई कोस दूर का सफर करती हैं. तभी जाकर उन्हें दो वक्त जलाने के लिए लकड़ी मिल पाती है. एक महिला ने बताया कि वह काफी दूर जाकर लकड़ियां चुन कर लाती हैं उसके बाद ही खाना बना पाती हैं.
चूल्हे पर खाना बनाती महिला नहीं है उज्ज्वला योजना की जानकारी
इन महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब बरसात के दिनों में अधिक बारिश होने लगती है. लिहाजा बारिश होने की वजह से जंगल में लकड़ियां पूरी तरह से भींग जाती है. जिससे लकड़ियां इतनी गीली होती हैं कि उन्हें जलाने के बाद भी सही से चूल्हे में आग नहीं पहुंच पाती है. वहीं, कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें 'उज्ज्वला योजना' की जानकारियां ही नहीं है तो गैस कहां से मिलेगी. वहीं, कुछ ऐसे भी ग्रामीण थे, जिन्हें गैस का कनेक्शन तो मिल गया लेकिन महंगाई की मार ने उनके घरों में गैस जलने नहीं दिया. इन घरों में गैस सिलेंडर शोभा की वस्तु बनकर पड़ी हुई है.
चूल्हे पर खाना बनाती महिलाएं जल्द मिलेगा कनेक्शन
वहीं, इस बारे में जब प्रखंड विकास पदाधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा जिन लोगों को 'उज्ज्वला योजना' के तहत अब तक गैस कनेक्शन नहीं मिला है, वैसे लोगों की जांच कर जल्द से जल्द कनेक्शन दिया जाएगा.