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रोहतास में तैयार हो रही हैं विरांगनाएं, खिलौने की तरह हथियार से खेलती तस्वीरों से दहले दुश्मन के दिल

बिहार के रोहतास में 927 महिला जवानों को कड़ी ट्रेनिंग (women soldiers trained in Rohtas) दी जा रही है. इन जवानों को आधुनिक हथियारों के साथ ही एकाग्रता और अनुशासन में रहने का प्रशिक्षण मिल रहा है. भारी भरकम हथियारों को ये महिला जवान खिलौने की तरह इस्तेमाल कर रही हैं. इनकी ट्रेनिंग देख दुश्मन अभी से ही खौफ में हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

women soldiers trained in Rohtas
women soldiers trained in Rohtas

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Published : Jun 1, 2022, 3:35 PM IST

रोहतास: बिहार में लगातार महिला जवानों का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है. बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल( Bihar Special Armed Police Force) यानी BMP-2 में महिलाएं विशेष भूमिका निभा रही हैं. दअरसल डेहरी ऑन सोन के BMP-2 ( Training Of Women in BMP 2 Dehri On Sone) के मैदान में इन दिनों 927 महिला जवान कड़ी ट्रेनिंग ले रही हैं. यह महिला जवान 8 से 9 महीने का प्रशिक्षण प्राप्त कर राज्य के अलग-अलग इलाकों में विधि व्यवस्था एवं तमाम तरह के पुलिस कार्य में लगाई जाएंगी.

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महिला जवानों को कड़ी ट्रेनिंग:सबसे बड़ी बात है कि ये महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं और इनका कठिन प्रशिक्षण इन्हें इसके लिए तैयार भी कर रहा है. इन महिला जवानों का अनुशासन देखते ही बनता है. बता दें कि बिहार के अलग-अलग जिलों के अलग-अलग गांव से यह लड़कियां प्रशिक्षण ले रही हैं. इसके अलावे अलग-अलग सशस्त्र पुलिस वाहिनी से भी यहां प्रशिक्षण लेने के लिए लड़कियां आई हैं.

आधुनिक हथियारों से लेकर अनुशासन तक का प्रशिक्षण: हवाई अड्डे की सुरक्षा हो या फिर औद्योगिक इकाई का सब में यह पारंगत होती जा रही हैं. वहीं आधुनिक हथियार चलाने से लेकर तमाम तरह के गतिविधियों के लिए यह महिला जवान अपने आप को तैयार कर रही हैं. बीएमबी-2 की कमांडेंट स्वप्न्ना मेश्राम के देखरेख में इनकी ट्रेनिंग चल रही है. एक तारतम्यता और अनुशासन के साथ जब ये मैदान में प्रदर्शन करती हैं, तो लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं.

पुलिस बल में महिलाओं की अहम भूमिका: दुश्मन के हौसले को पस्त करने का माद्दा रखने वाली ये महिला जवान आने वाले समय में बिहार के विभिन्न इलाकों में तैनात होंगी, तो अपराधियों के दांत खट्टे हो जाएंगे. ये लड़कियां भारी- भरकम हथियार लेकर दौड़ पड़ती हैं. लंबी कूद और ऊंची कूद में भी पारंगत हैं. बताते चलें कि इन लोगों ने सामूहिकता के बल पर एकात्मकता दिखाने का भरपूर हुनर है. किस प्रकार एक जत्थे में रहकर दुश्मन पर हमला करना है, यह सब इन्हें प्रशिक्षण में बताया गया है. अनुशासन, एकता और आपसी सामंजस्य का यहां एक अद्भुत संयोग देखने को मिलता है. पुलिस बल में महिलाओं की बढ़ती प्रतिशत एक बेहतर प्रयास है. यह सशक्त हो रही नारी की पहचान है.

महिला जवानों ने पुरुषों को पछाड़ा: 927 महिला प्रशिक्षुओं की कड़ी ट्रेनिंग पिछले 8 से 9 माह से दिलाई जा रही है. इस बुनियादी प्रशिक्षण में आधुनिक हथियार की ट्रेनिंग, मॉडल टैक्टिस, मॉडल टेक्निक्स का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि प्रशिक्षण ले रही महिला सिपाही एक स्मार्ट पुलिस मैन बन सकें. ये बेटियां महिला सशक्तिकरण की मिसाल हैं. आने वाले समय मे महिलाओं का प्रतिशत पुलिस में बढ़ने वाला है. निश्चित तौर पर यह ट्रेंड महिला जवान पुरूष सिपाहियों से कहीं आगे दिखेंगी.

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