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रोहतास: बालू माफियाओं के आतंक से सहमे टोलकर्मी, दी जाती है जान से मारने की धमकी

बालू माफियाओं की वजह से सरकार को प्रतिदिन लाखों रूपये का राजस्व का नुकसान भी हो रहा है. बावजूद प्रशासन बालू तस्करों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. हालांकि टोल प्लाजा ने 55 टन से अधिक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिस वजह से तस्कर टोलकर्मियों को जान से मारने की धमकी देते हैं.

बालू माफियाओं का आतंक
बालू माफियाओं का आतंक

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Published : Jan 27, 2020, 9:22 PM IST

रोहतास: जिले के सासाराम में बालू माफियाओं का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. यूपी और बिहार की सीमा के पास बने टोल प्लाजा के पास ओवरलोडेड बालू वाहनों के कारण लंबा जाम लग जाता है. जिस वजह से दूसरे प्रदेश के वाहन चालकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रह है.

टोल प्लाजा, रोहतास

'टोल प्लाजा पर लग रहा कई दिनों तक जाम'
टोल प्लाजा मैनेजर विमल कुमार का कहना है कि NH-2 के पास यूपी और बिहार सीमा के पास कर्मनाशा नदी पर बना पुल ओवरलोडेड वाहन की वजह से टूट गया था. जिस वजह से यूपी- बिहार संपर्क बाधित हो गया. जिसके जिला प्रशासन ने डायवर्सन बनाकर सड़क को चालू करवाया था. इस मामले में एनएचआई ने कैमूर और रोहतास के डीएम को पत्र भी लिखा था. लेकिन जिला प्रशासन ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लाखों के राजस्व का नुकसान
बालू माफियाओं की वजह से सरकार को प्रतिदिन लाखों रूपये का राजस्व का नुकसान भी हो रहा है. बावजूद प्रशासन बालू तस्करों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. हालांकि टोल प्लाजा ने 55 टन से अधिक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.

गौरतलब है कि अगर बालू माफियाओं पर समय रहते नकेल नहीं कसा गया तो कर्मनाशा नदी पर बने पुल के साथ-साथ जीटी रोड पर बना पुल भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाएगा. टोल प्लाजा के मैनेजर बताते है कि उनके कार्रवाई करने पर वह निशाने पर आ जाते हैं. बालू तस्कर टोल कर्मियों के साथ मारपीट करते हैं, उन्हें जान से मारने की धमकी तक देते हैं. उन्होंने इस मामले पर जिला प्रशासन से ठोस कार्रवाई करने की गुहार लगाई.

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