रोहतासः मकर संक्रांति को लेकर सासाराम में तिलकुट के बाजार से सोंधी खुशबू आने लगी है. सासाराम के तिलकुट बाजार में इन दिनों हलचल का माहौल है. मकर संक्रांति को लेकर यहां बड़े पैमाने पर तिलकुट का उत्पादन किया जा रहा है.
तिलकुट बनाने में जुटे कारीगर
शरद ऋतु में मौसमी मिष्ठान तिलकुट को हर लोग पसंद करते हैं. सासाराम में कई मशहूर तिलकुट की दुकानें हैं, जहां तिलकुट का भारी मात्रा में उत्पादन किया जाता है. खोवे और गुड़ का मशहूर तिलकुट लोगों को खूब भाता है. तिलकुट का मजा मकर संक्रांति के दिन दुगना हो जाता है. लिहाजा दुकानदार मकर संक्रांति को लेकर तिलकुट बनाने में जुट गए हैं.
रोहतास से ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट बेहतर क्वालिटी के तिलकुट की मांग
वहीं, बाजार में फिलहाल ढाई सौ से 300 रुपये किलो तक तिलकुट बेचे जा रहे हैं. हल्की मिठास और सोंधी महक वाले तिलकुट शहर और आसपास के इलाकों में अपनी एक अलग ही पहचान बना चुके हैं. मकर संक्रांति के मौके पर खेत खलिहान से निकलने वाला नया चूड़ा और खासतौर पर तिलकुट लोग अपने परिजनों को भेजते हैं. शहर में दशकों से गुप्ता तिलकुट लोगों को बेहतर क्वालिटी का तिलकुट मुहैया करा रहा है.
बड़े पैमाने पर हो रहा तिलकुट का उत्पादन
तिलकुट दुकानदार ने बताया कि मकर संक्रांति को लेकर बड़े पैमाने पर तिलकुट का उत्पादन किया जा रहा है. लेकिन मंदी के कारण मार्केट थोड़ा डाउन है. फिर भी मकर संक्रांति के मौके पर उन्हें तिलकुट की अच्छी खासी बिक्री होने की संभावना है. दुकानदार ने ये भी बताया कि तिलकुट के इस व्यवसाय में उन्होंने तकरीबन एक दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया है. जो दिन रात तिलकुट बनाने में लगे हैं.
तिलकुट की तासीर होती है गर्म
बता दें कि तिलकुट की तासीर गर्म होती है. यानी जाड़े के मौसम में इसकी मांग इसलिए भी बढ़ जाती है कि तिलकुट में तिल की मात्रा होने से उसकी तासीर ज्यादा गर्म होती है. लिहाजा ठंड के मौसम में तिलकुट की डिमांड बाजार में काफी बढ़ जाती है. लोग इसे उपहार स्वरूप एक दूसरे को गिफ्ट भी करते हैं.