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'2 साल बाद लौटी खुशियां..कोरोना तेरा बेड़ा गर्क हो'.. किन्नरों ने अपने अंदाज में दी शुभकामनाएं

कोरोना वायरस की मार से कोई अछूता नहीं था. इसका असर किन्नरों पर भी पड़ा था. स्थिति में सुधार के बाद उनके चेहरे पर भी खुशियां लौट रही हैं. लगभग दो साल बाद किन्नरों की टोली कोरोना तेरा बेड़ा गर्क हो.. लोगों के जीवन में खुशियां लौटे... के बोल पर नाच-गाकर और दुआएं देकर अपने लिए नेग मांग रही हैं. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Nov 1, 2021, 7:20 PM IST

रोहतासः कोरोना वायरस (Corona Virus) ने दो साल से लोगों की खुशियों में खलल डाला है. आम लोग हों या खास, कोरोना ने सबका का परेशान किया. किन्नर समुदाय (Transgenders Community) पर भी कोरोना की मार पड़ी. स्थिति में सुधार के बाद उनके चेहरे पर भी खुशियां लौट रही हैं. रोहतास जिले में लगभग दो साल बाद अब दीपावली व छठ पर्व को लेकर किन्नरों की टोली लोगों के घर-मोहल्लों में जा रही है. कोरोना तेरा बेड़ा गर्क हो.. लोगों के जीवन में खुशियां लौटे के बोल पर नाच-गाकर और खुशियों की दुआएं देकर नेग मांग रहे हैं.

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किन्नर समुदाय की दिव्या ने बताया कि कोरोना ने दो साल तक हमें बर्बाद कर दिया. कोरोना के कारण ट्रेनों में नेग मांगने पर प्रतिबंध था. लोगों की आर्थिक स्थिति खराब होने व कोरोना प्रतिबंध के कारण हम न तो घरों में न ही मोहल्लों में जाकर नेग मांग सकते थे. दीपावली, छठ पर्व को लेकर हम लोग नाच गाकर बधाई यानी बख्शीश मांग रहे हैं.

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साथ ही देशवासियों को दीपावली की बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं. लोगों से गुजारिश है कि लोग शांतिपूर्ण तरीके से पर्व मनायें. हमारे देश में अमन और शांति बनी रहे. भगवान कोरोना को हमेशा के लिये यहां से खत्म कर दे. किन्नर दिव्या आगे कहती हैं कि दीपावली के पहले उनके हाथों से घर में चावल छींटना शुभ होता है. इससे मां लक्ष्मी का वास होता है. लोग संक्रामक बीमारियों से दूर रहें. सभी लोग इस दीपावली में खुशहाल हों जिससे उन किन्नरों की भी आर्थिक तंगी खत्म होगी.

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दरअसल, पिछले डेढ़-दो सालों से इन किन्नरों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई थी. पर्व त्यौहार में बधाईयां गाकर रोजी-रोटी कमाने वाले किन्नरों को घोर विपत्ति का सामना करना पड़ रहा था. लेकिन इस बार किन्नरों की टोली शहर में बधाइयां गाते दिख रही है. वे दुआएं कर रही हैं कि जिले के लोग खुशहाल रहें. कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त रहें. इतना ही नहीं, लोग भी इन किन्नरों का स्वागत कर रहे हैं तथा यथासंभव मदद भी कर रहे हैं.

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