सासाराम:बिहार के सासाराम शहर को पूरे देश में सबसे गंदगी वाले नगर के रूप में चयन किया गया. पूरे देश में स्वच्छता सर्वेक्षण में देशभर के तमाम शहरों को सूचीबद्ध किया गया. बता दें कि पिछले साल वर्ष 2021 में भी हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में सासाराम देश का सबसे गंदगी वाला शहर में गिना गया था, लेकिन एक साल के बाद भी इसकी रैंक में कोई सुधार नहीं हुआ. इस मामले को लेकर स्थानीय अधिवक्ता रवि कुमार सिंह ने लोक शिकायत निवारण विभाग में शिकायत की, लेकिन इस पूरे प्रकरण में नगर निगम के द्वारा जो जवाब दिया गया, वह काफी असंतोष पैदा करता हैं.
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स्वच्छता सर्वेक्षण की जानकारी नहीं:सबसे बड़ी बात है कि सासाराम के नगर निगम के नगर आयुक्त सत्यप्रकाश शर्मा से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने किसी भी तरह के स्वच्छता सर्वेक्षण के बारे में जानकारी होने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि जब से उनकी पदस्थापना है, तब से इस तरह की कोई भी एजेंसी उनके पास सर्वेक्षण के लिए नहीं आया. अब आप समझ सकते हैं कि इस मामले को लेकर कितनी लापरवाही हैं.
रैंक में सुधार नहीं हुआ:सासाराम नगर परिषद को नगर निगम में पदोन्नत कर दिया गया. फिर भी इसके स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. बड़ी बात यह है कि वार्ड पार्षदों द्वारा गठित बोर्ड भंग होने के बाद पिछले एक साल से सासाराम नगर निगम की कमान जिला प्रशासन के अधिकारियों के हाथ में है, लेकिन फिर भी इसके रैंक में सुधार नहीं हुआ. वहीं पहले जहां चर्चा थी कि राजनीतिक गुटबाजी के कारण शहर की सफाई नहीं हो पा रही थी, लेकिन पिछले एक साल से जब कई आईएएस अधिकारी मिलकर इस नगर निगम को संचालित कर रहे हैं. फिर भी पूरे देश में सबसे गंदगी वाले शहर में सासाराम का शुमार होना बेहद निंदनीय है.