रोहतास: जिले के इन्द्रपुरी इलाके में बालू के कारोबार में वर्चस्व को लेकर बीते 25 अप्रैल को चकन्हा पंचायत की मुखिया पूनम देवी के पति पप्पू यादव को गोली मारी दी गई थी. जिसका वाराणसी में इलाज के दौरान मौत हो गई. घटना के बाद मौत की सूचना मिलते ही पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है. आपसी तनाव को देखते हुए गांव में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई हैं. वहीं, एएसपी संजय कुमार खुद गांव में बने हुए हैं.
4 लोग गिरफ्तार
मृतक पप्पू यादव चकन्हा पंचायत के मुखिया पूनम देवी के पति थे और वो बालू के कारोबार से जुड़े थे. वहीं, इस मामले में अब तक 4 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जबकि मास्टरमाइंड और मृतक पप्पू यादव के ही चचेरे भाई पंकज यादव अभी भी फरार है.
इलाज के दौरान हुई मौत
इस संबंध में डेहरी के एएसपी संजय कुमार ने बताया कि बालू घाट को लेकर दोनों चचेरे भाइयों में विवाद चल रहा था. आरोपी पंकज यादव भी बालू घाट लेना चाहता था. लेकिन मुखिया पति होने के कारण पप्पू हमेशा उस पर भारी पड़ता था और इस बार भी बालू ठेका देने वाली कंपनी से पप्पू यादव ने बालू का घाट ले लिया था. जिसको लेकर उसके चचेरे भाई पंकज से उसकी रंजिश हो गई थी. इसी रंजिश में पप्पू यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पप्पू के सिर में गोली लगी थी. वह पिछले 5 दिनों से जिंदगी और मौत से जूझ रहा था. लेकिन अंततः आज वाराणसी में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
पप्पू यादव और उनकी पत्नी मुखिया पूनम देवी बालू को लेकर होते हैं गैंगवार
बता दें कि डेहरी के सोन नदी का इलाका पहले भी बालू को लेकर रक्त रंजित होते रहे है. आए दिन यहां गैंगवार और गोलीबारी की खबरें मिलती रहती है. लेकिन इस बार लॉकडाउन में जिस तरह से हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया. यह विधि व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है.