प्रमोद सिंह के गांव में पसरा सन्नाटा. भोजपुरःशहीद जवान प्रमोद सिंह उदवंतनगर के वामपाली गांव के रहने वाले थे. उनकी शहादत की खबर मिलने के बाद से वामपाली गांव में सन्नाटा पसर गया. लोगों में गम का माहौल है. हर कोई इस खबर को सुनकर सन्न था, क्योंकि अभी 20 दिन पहले ही वह सबसे मिलकर ड्यूटी पर लौटा था. शहीद प्रमोद के बड़े भाई अजय सिंह ने बताया कि दो महीने की छुट्टी पर घर आया था.
शहीद प्रमोद सिंह (फाइल फोटो). इसे भी पढ़ेंः सिक्किम सड़क हादसे में खगड़िया के चंदन कुमार शहीद, गांव में पसरा सन्नाटा
"प्रमोद सिंह दो महीनों की छुट्टी लेकर गांव आये थे और 20 दिनों पहले ही वो गांव से छुट्टी बीताने के बाद सिक्किम अपने पोस्ट की ओर लौट गए थे. दो भाई और दो बहनों में सबसे छोटे थे. स्वभाव से मृदुल और मिलनसार भाई के शहीद होने की खबर से पूरा परिवार गम में डूबा है."- अजय सिंह, शहीद प्रमोद सिंह के बड़े भाई
परिवार के साथ प्रमोद सिंह. गांव से था लगावः अजय सिंह ने बताया कि प्रमोद को गांव से बहुत लगाव था. उसका परिवार देहरादून में रहता है, लेकिन छुट्टी मिलने के बाद गांव जरूर आता था. ग्रामीणों की मानें तो गांव आने के बाद प्रमोद घर पर स्थिर से नहीं बैठता था. उसे खेतों पर जाना और लोगों से मिलना जुलना पसंद था. वह सबसे बड़ी आत्मीयता से मिलता. देश सेवा तो विरासत में मिली थी. उसके पिता भी सेना से रिटायर हुए हैं.
इसी हादसे में हुई थी प्रमोद सिंह की मौत. आर्टिलरी कोर में नायक थे प्रमोदः साल 2011 में दानापुर में जॉइनिंग के बाद फिलहाल वो सिक्किम में 221 फील्ड रेजिमेंट में आर्टिलरी कोर में नायक के पद पर तैनात थे. शहीद जवान प्रमोद सिंह दो महीनों की छुट्टी लेकर गांव आए थे और 20 दिनों पहले ही वो गांव से छुट्टी बिताने के बाद सिक्किम अपने पोस्ट की ओर लौट गए थे. दो बहनों और दो भाई में सबसे छोटे थे प्रमोद सिंह के पिता भी सेना से रिटायर्ड हैं. बता दें कि इस हादसे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शोक जताया था. हादसे में शहीद सभी सैनिकों को उन्होंने श्रद्धांजलि दी थी.