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रोहतासः नए साल का जश्न मनाने शेरशाह मकबरा पहुंचे लोग, युवाओं में दिखा खास उत्साह

अफगान वास्तुकला का बना यह नायाब मकबरा पूरे हिंदुस्तान में अपनी अलग पहचान रखता है. यही वजह है कि लोग देश और विदेश से मकबरे का दीदार करने पहुंचते हैं. खासकर शहर के लोगों के लिए नव वर्ष के मौके पर तो यह किसी ताज से कम नहीं. इसलिए इसे दुनिया का दूसरा ताज भी कहा जाता है.

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Published : Jan 1, 2020, 7:17 AM IST

Sher Shah Tomb
शेरशाह मकबरा

रोहतासः जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मंगलवार को उमंग और उत्साह के साथ नए वर्ष का जश्न मनाया गया. इस मौके पर लोगों ने जहां कई जगहों पर घूम-घूमकर आनंद उठाया तो वहीं जिले का शेरशाह मकबरा युवाओं की पहली पसंद बना. यहां दिन भर लोगों के पहुचंने का सिलसिला जारी रहा. नए वर्ष की मस्ती युवाओं के सिर चढ़कर बोलती रही. यहां पर लोगों ने पूरे जोश के साथ नए साल का स्वागत किया.

शेरशाह मकबरा

जश्न मनाने शेरशाह मकबरा पहुंचे लोग
भभुआ से आई एक पर्यटक ने बताया कि वो शेरशाह मकबरे पर साल के अंतिम दिन का जश्न मनाने आई हैं. उन्होंने मकबरे को खूबसूरत बताया और कहा कि यहां आने के बाद सुकून भरा पल महसूस होता है. वहीं, मकबरे का दीदार करने पहुंची एक और पर्यटक ने कहा कि शेरशाह का मकबरा देखने में खूबसूरत है, लेकिन इसे और भी विकसित करने की जरुरत है. यहां टिकट का शुल्क जितना लिया जाता है, उतनी सुविधाएं नहीं दी जाती हैं. ऐसे में अगर सुविधाएं दी जाएं तो इसे और खूबसूरत बनाया जा सकता है.

बहरहाल नए साल के मौके पर शहर में काफी उत्साह है. यही वजह है कि लोग जश्न मनाने के लिए शेरशाह मकबरे पर पहुंच रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

अफगान वास्तु कला से बना है मकबरा
गौरतलब है कि अफगान वास्तुकला का बना यह नायाब मकबरा पूरे हिंदुस्तान में अपनी अलग पहचान रखता है. यही वजह है कि लोग देश और विदेश से मकबरे का दीदार करने पहुंचते हैं. खासकर शहर के लोगों के लिए नव वर्ष के मौके पर तो यह किसी ताज से कम नहीं. इसलिए इसे दुनिया का दूसरा ताज भी कहा जाता है. जो झील के बीचों-बीच है.

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