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सासाराम: NCC ट्रेनिंग में दिखा महिलाओं का जज्बा, सीख रहीं हैं सेल्फ डिफेंस के गुर

सासाराम के जवाहर लाल नेहरू कॉलेज में एनसीसी की ट्रेनिंग कराई जा रही है. इस प्रशिक्षण में महिलाओं का जज्बा देखने को मिल रहा है. 400 लड़के और 96 लड़कियां इस ट्रेनिंग कैंप का हिस्सा बनी हैं.

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Published : Jun 24, 2019, 9:09 PM IST

Updated : Jun 24, 2019, 10:52 PM IST

सासाराम: नक्सल प्रभावित इलाका रोहतास अब जागरूक होता नजर आ रहा है. एनसीसी के बैनर तले ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जवाहर लाल नेहरू कॉलेज में ट्रेनिंग कैम्प लगाया गया है जिसमें काफी संख्या में महिला प्रशिक्षुओं ने हिस्सा लिया है.

वर्षों से लाल सलाम के नारों से गूंजते रोहतास में अब महिला शक्ति देशभक्ति की आवाज बुलंद कर रही है. धीरे-धीरे नक्सलवाद के पांव उखड़ने लगे हैं. माओवाद के नाम पर इस इलाके के लड़के-लड़कियों को गुमराह किया जाता था. अब हाथों में राइफल लेकर निशाना लगाती एनसीसी प्रशिक्षु उन्हें चेतावनी दे रही हैं. वहीं, कैंप प्रशिक्षण ले रहे पुरूष प्रशिक्षु उन्हें सामने की चुनौती दे रहे हैं.

प्रशिक्षण लेते एनसीसी कैडेट्स

400 लड़के और 96 लड़कियां ले रहे ट्रेनिंग
इस प्रशिक्षण शिविर में गया यूनिट की ओर से सासाराम, आरा, बक्सर, औरंगाबाद गया और बिहारशरीफ से 400 लड़के और 96 लड़कियां ट्रेनिंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. कमांडेंट ए.के. सिन्हा की मानें तो एनसीसी ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसके माध्यम से देश की सेवा करने का मौका मिलता है. इसे देखते हुए प्रशासन और प्रशिक्षण के विभिन्न पहलुओं पर एनसीसी कैडेट्स को विस्तारपूर्वक जानकारी दी जा रही है.

ट्रेनिंग मे हिस्सा लेती महिला कैडेट्स

देशसेवा के सिखाए जा रहे गुर
वहीं, इस तरह के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कैडेटों को बेहतर प्रशिक्षण देना है. ड्रील, फाइटिंग, राइफल चलाने और सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और किसी भी आपदा की स्थिति में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के गुर सिखाए जा रहे हैं.

प्रैक्टिस करतीं एनसीसी कैडेट्स

सशक्त हो रही महिलाएं
प्रशिक्षण दिला रहे कॉलेज के एचओडी कहते हैं कि एनसीसी कैडेट्स बेहतर ट्रेनिंग ले सकें इसके लिए कॉलेज प्रशासन की तरफ से हर सुविधा मुहैया कराई जा रही है. एनसीसी की लड़कियों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण देना महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है. खासकर ग्रामीण और सुदूरवर्ती क्षेत्रों की लड़कियों को इस तरह के प्रशिक्षण दिए जाने से इन लोगों में आत्म सम्मान की भावना का विकास होता है. आत्मरक्षार्थ भी यह मजबूत होती हैं.

Last Updated : Jun 24, 2019, 10:52 PM IST

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