रोहतास: जिले के दिनारा विधानसभा क्षेत्र के पंजरी गांव में विकास आज तक नहीं पहुंचा. यहीं से जयकुमार सिंह ने चुनाव जीता और उद्योग मंत्री के पद तक का सफर तय किया. लेकिन, जीत के बाद से मंत्री ने इस ओर मुड़ कर भी नहीं देखा. इस वजह से उनके गांव के लोगों में मंत्री के खिलाफ काफी गुस्सा है.
गांव में पक्की सड़क तक नहीं
मंत्री के गांव में विकास का सूरत-ए-हाल कुछ ऐसा है कि यहां अब तक पक्की सड़क नहीं है. यहां स्वास्थ्य व्यवस्था भी भगवान भरोसे ही है. आलम ये है कि बारिश में कीचड़ से सने इस सड़क से मरीज को ले जाने में कई लोग रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. छिटपुट हादसे तो रोजमर्रा की बात हो गए हैं.
ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर
गांव में सड़क-अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में कोई अपनी बेटी की शादी तक यहां नहीं करना चाहता. ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. नाराजगी इतनी है कि लोग चुनाव में मंत्री पर बिफरे पड़ रहे हैं.
पंजरी गांव में पक्की सड़क नहींं खामियाजा भुगतेंगें मंत्री!
बिहार विधानसभा चुनाव साल के अंत तक होने है. ऐसे में मंत्री के खिलाफ लोगों की इस नाराजगी का खामियाजा मंत्री को भुगतना पड़ सकता है. ग्रामीणों में मंत्री जय कुमार सिंह के खिलाफ काफी गुस्सा है. आजादी के बाद से पंजरी गांव में विकास की रोशनी नहीं पहुंच सकी है. कहीं ये अंधेरा ग्रामीणों के गुस्से के रूप में हुक्मरानों को पर भी न छा जाए.
मरीज को खाट पर लिटाकर ले जाते ग्रामीण