रोहतासःकोरोना वायरस के कारण पूरे देश को पिछले कई महीनों से लॉक डाउन कर दिया गया है. जिसका सबसे अधिक प्रभाव प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है. जो दूसरे राज्यों में रहकर अपनी जिंदगी गुजर बसर किया करते थे. लॉक डाउन के बाद इनका रोजगार पूरी तरह से छिन गया. लिहाजा मजदूरों को वापस अपने घर लौटने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
लॉक डाउन ने छीना रोजगार, यूपी से साइकिल से ही बंगाल के लिए निकल पड़े मजदूर
दर्जन भर से अधिक मजदूर यूपी के भदोही से साइकिल पर ही सवार होकर बंगाल जाने के लिए निकल पड़े हैं. यह सभी प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश के भदोही में रहकर कालीन का काम किया करते थे. लेकिन लॉक डाउन के बाद कालीन निर्माण का काम पूरी तरीके से बंद हो गया. लिहाजा इनके खाने-पीने के लाले पड़ने लगे.
साइकिल से ही निकल पड़े मजदूर अपने गंतव्य स्थल की ओर
कुछ ऐसी ही तस्वीर सासाराम के नेशनल हाईवे दो पर भी देखने को मिली. जहां दर्जन भर से अधिक मजदूर यूपी के भदोही से साइकिल पर ही सवार होकर बंगाल जाने के लिए निकल पड़े. यह सभी प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश के भदोही में रहकर कालीन का काम किया करते थे. लेकिन लॉक डाउन के बाद कालीन निर्माण का काम पूरी तरीके से बंद हो गया. लिहाजा इनके खाने-पीने के लाले पड़ने लगे. इन मजदूरों के पास पैसा खत्म हो जाने से इन्हें वापस अपने घर की ओर मजबूरी में जाना पड़ा. लिहाजा सभी मजदूर भदोही से साइकिल से ही निकल पड़े. अब इन मजदूरों को परिवार चलाने के लिए गांव में ही रोजगार की बेहद जरूरत है.
मजदूरों को हो रही परेशानी
बहरहाल, इन मजदूरों की बेबसी साफ देखी जा सकती है. जहां सभी मजदूर काम करते थे. वहां के ठीकेदार ने भी इन मजदूरों से मुंह मोड़ लिया. जिसके बाद ये मजदूर मजबूर होकर अपने गांव साइकिल से ही निकल पड़े. इनकी बेबसी देखकर हर इंसान की आंखें भर जाएगी.