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Rohtas News: हिंदू नव वर्ष उत्सव समारोह में भाग लेने पहुंचे राज्यपाल, कहा- 'भारतीय दूसरे देश पर हमला करने नहीं गए' - राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर राज्यपाल

हिंदू नव वर्ष उत्सव मनाया जा रहा है. इस दिन से नया पंचाग शुरू होता है. ज्योतिष गणना के अनुसार विवाह और अन्य संस्कारों के अलावा धार्मिक अनुष्ठानों की तिथियां निर्धारित की जाती हैं. रोहतास जिले के बिक्रमगंज में हिंदू नव वर्ष उत्सव समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इसमें राज्यपाल ने शिरकत (Governor participate in Hindu New Year celebration)की. उन्होंने बताया क्या होता है पंचांग. पढ़ें, पूरी खबर.

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Published : Mar 27, 2023, 5:55 PM IST

हिंदू नव वर्ष उत्सव समारोह

रोहतास: बिहार के रोहतास में हिंदू नव वर्षउत्सव समारोह (Hindu New Year Celebration in Rohtas) में भाग लेने के लिए आज सोमवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर पहुंचे. इस दौरान उनका पूर्व विधायक राजेश्वर राज ने स्वागत किया. राज्यपाल ने कहा कि हमारी सभ्यता संस्कृति पूरे विश्व में सर्वोपरि है. दुनिया को जब दिन, तारीख तथा गणना नहीं आती थी तब भारत में पूरा पंचांग काम कर रहा था. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जब शिकागो गये थे तो शस्त्र नहीं शास्त्र लेकर गए थे.

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भारतीय सभ्यता संस्कृति का गुणगान: जिले के बिक्रमगंज में हिंदू नव वर्ष उत्सव समारोह का आयोजन किया जा रहा था. इसमें शिकरत करने पहुंचे राज्यपाल ने भारतीय सभ्यता संस्कृति का गुणगान किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम भारतीय कभी किसी दूसरे देश पर हमला करने नहीं गए, ना ही किसी दूसरे देश में जाकर वहां की धार्मिक आस्थाओं को चोट पहुंचाया है. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की एक कविता का उल्लेख करते हुए कहा कि हम भारतीय कभी काबुल में जाकर किसी मस्जिद को नहीं तोड़ी है.

शस्त्र की जगह शास्त्र लेकर गएः राज्यपाल ने कहा कि विवेकानंद भी अगर दुनिया में गए तो शस्त्र की जगह शास्त्र लेकर गए. उनका प्रवचन सुनकर लोगों को लगा कि हिंदू धर्म स्वीकार करना चाहिए. हिंदू धर्म अपनाना चाहिए, तो स्वामी विवेकानंद ने बड़ी ही विनम्रता से कहा था कि दूसरों को हमारे धर्म मे लाने की यह हमारी संस्कृति में नहीं है. आने वाले 25 वर्षों का काल यह अमृत काल है. 2047 में देश की स्वतंत्रता का हम सौंवा वर्ष मनाएंगे.

"हमारी सभ्यता संस्कृति पूरे विश्व में सर्वोपरि है. दुनिया को जब दिन, तारीख तथा गणना नहीं आती थी तब भारत में पूरा पंचांग काम कर रहा था. स्वामी विवेकानंद जब शिकागो गये थे तो शस्त्र नहीं शास्त्र लेकर गए थे"-राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, राज्यपाल, बिहार

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