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'15 सालों से CM नीतीश को दलितों की नहीं आई याद, चुनाव के समय खेल रहे दलित कार्ड'

बिहार में दलित परिवारों के किसी भी सदस्य की हत्या होने पर उसके परिवार की किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. नीतीश कुमार के इस फैसले पर विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला साधा है. विपक्ष ने कहा कि 15 सालों में दलित को याद नहीं करने वाली सरकार विधानसभा चुनाव में वोट के लिए दलितों को लुभा रही है.

former union minister dr. kanti singh statement on cm nitish kumar
डॉ. कांति सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री

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Published : Sep 6, 2020, 12:38 PM IST

रोहतास:बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दलितों को लुभाने के लिए एक अहम फैसला लिया है. इस फैसले में मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा है कि बिहार में दलित परिवारों के किसी भी सदस्य की हत्या हो जाती है तो उनके परिवार की किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. इसको लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. आरजेडी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. कांति सिंह ने सरकार के इस फैसले को सिर्फ वोट बैंक की राजनीति बताया है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. कांति सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने दलितों को लुभाने के लिए ये फैसला लिया है. अपने 15 साल के कार्यकाल में उनको दलितों की याद नहीं आई. एससी-एसटी एक्ट(संशोधन) के समय में मुख्यमंत्री ने चुप्पी साध ली. अब चुनाव से पहले उन्हें दलित समाज नजर आ रहा है.

पेश है रिपोर्ट

राज्य में बढ़ेगा अपराध का ग्राफ
इसके साथ ही डॉ. कांति सिंह ने कहा कि हत्या सभी समाज के लोगों की हो रही है. लेकिन मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक और पिछड़ा जाति और अपर कास्ट के लोगों को यह सुविधा क्यों नहीं दे रहे हैं. सीएम नीतीश तो अल्पसंख्यकों के रहनुमा बने थे तो वो अल्पसंख्यकों को ही पीछे छोड़ रहे हैं. साथ ही उन्हों ने कहा कि सरकार के इस फैसले से राज्य में अपराध का ग्राफ बढ़ेगा.

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