रोहतास: जिले में पराली जलाए जाने के खिलाफ प्रशासन सघन अभियान चला रहा है. इससे किसानों की परेशानी भी बढ़नी शुरू हो गई है. किसानों का कहना है कि इनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो पराली नष्ट करने वाली महंगी मशीनों को खरीद सकें. लिहाजा किसानों के लिए अब पराली सिर दर्द बन गया है.
किसानों के लिए सिरदर्द बना पराली गौरतलब है कि पिछले दिनों बिहार में नए कानून के तहत यह फरमान जारी कर दिया गया कि कोई भी किसान अपने खेतों में पराली नहीं जलाएगा. यदि कोई किसान पराली जलाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें सरकार की तरफ से मिलने वाला कृषि अनुदान से भी वंचित कर दिया जाएगा.
पराली जलाने से खेत हो रहे बंजर किसानों की बढ़ी परेशानी
एक ओर किसान जहां गरीबी के बोझ तले दबे हैं, ऐसे में सरकार के इस नये फरमान ने किसानों की परेशानी और भी बढ़ा दी है. धान की कटाई के बाद रबी फसल की बुआई होने वाली है जबकि खेतों में धान की फसल काटे जाने के बाद पराली मौजूद है. ऐसे में किसानों को अब इस बात की चिंता सता रही है कि वो अपनी खेतों में लगे पराली को कैसे नष्ट करें.
जानकारी देते किसान और ईटीवी भारत के संवाददाता सरकार की ओर से कोई मदद नहीं
किसानों का आरोप है कि सरकार ने बिना सोचे समझे इस कानून को उन पर थोप दिया है. उन्होंने बताया कि सरकार अगर पराली जलाने की मशीन उपलब्ध करा दें तो इससे उन्हें काफी सहूलियत होगी. लेकिन मशीन काफी महंगी है और अभी तक सरकार द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है. ऐसे में मजबूरन उन्हें खेतों में ही पराली जलानी पड़ रही है.
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रबी के फसल को नुकसान का खतरा
किसानों को इस बात का डर भी है कि कहीं उन पर प्राथमिकी दर्ज ना कर दी जाए. कई किसानों ने बताया कि वो खेतों से पराली निकालकर गांव में ही ठिकाने लगा रहे हैं ताकि खेतों में रबी फसल की बुआई की जा सके. गौरतलब है कि धान की कटाई होने के बाद किसान रबी फसल की तैयारी में जुट जाते हैं. लेकिन अब पराली उनके लिए सरदर्द बन गया है. अगर वह पराली नहीं जलाते हैं तो सही समय पर रबी फसल की बुआई नहीं हो पाएगी. ऐसे में रबी फसल का नुकसान होना कहीं ना कहीं तय माना जा रहा है.