रोहतास:जिले में खरीफ फसल की खरीदारी को लेकर एसएफसी ने पूरी तैयारियां कर ली है. लेकिन किसान अब भी दावा कर रहे हैं कि उनकी फसल की खरीदारी समय पर नहीं होती है. जिससे फसल को काफी नुकसान पहुंचता है और उनकी मेहनत बर्बाद हो जाती है.
दरअसल, रोहतास को धान का कटोरा कहा जाता है. यहां धान की पैदावार सबसे अधिक होती है. यहां किसानों से धान खरीदने का अधिकार राज्य सरकार के बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निiम यानी एसएफसी के पास है. चंद महीनों के बाद ही खरीफ फसल की कटाई की जाएगी. जहां बड़े पैमाने पर किसान अपने धान को विक्रय करेंगे.
विभाग कर रहा अलग दावे
रोहतास के एसएफसी जिला प्रबंधक की मानें तो खरीफ फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में गोदाम में जगह उपलब्ध है. फिलहाल पूरे जिले में एसएससी के 37 गोदामों में किसानों के खरीफ की फसलों को खरीदकर रखने का इंतजाम किया गया है. वहीं प्रत्येक गोदाम पर सभी जरूरी मशीनें भी उपलब्ध करा दी गई हैं. उन्होंने बताया कि एसएससी प्रति महीने 97 हजार क्विंटल चावल का उठाव कर रहा है.
गोदाम पर मौजूद प्रभारी ने दी जानकारी किसानों ने लगाए कई आरोप
जिले के किसानों ने विभागीय दावे के विपरीत कहानी बयां की. हकीकत जानने के लिए किसान से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि एसएफसी की ओर से चावल का उठाव समय पर नहीं किया जाता है. ऐसे में कई बार धान की फसल बर्बाद हो जाती है. वहीं गोदाम पर मौजूद प्रभारी ने बताया कि फिलहाल गोदाम में एक्स्ट्रा चावल लेने की जगह नहीं है. ऐसे में साफ है कि विभाग खरीफ की फसल उठाव को लेकर तैयार नहीं है.
जिले में कुल गोदाम
जानकारी के मुताबिक रोहतास में खरीफ फसल यानी चावल के उठाव के लिए एसएफसी की ओर से 20 सीएमआर गोदाम बनाया गया है. इस गोदाम की क्षमता तकरीबन 8 लाख क्विंटल की है. जबकि 17 गोदाम टीपीडीएस के हैं. जहां 1 लाख 80 हजार 250 क्विंटल चावल रखने की क्षमता है. इन सभी के देख-रेख के लिए 7 एजीएम को नियुक्त किया गया है.
बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम, रोहतास स्टाफ की भारी कमी
एसएफसी जिला प्रबंधक की मानें तो यहां कर्मचारियों की भारी कमी है. ऐसे में कर्मचारी ना होने की वजह से काम पर भी इसका बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है. लेकिन तमाम समस्याओं के बावजूद एसएफसी प्रति महीना 97 हजार क्विंटल चावल का उठाव कर रहा है.