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'धान के कटोरे' में इस साल नहीं उपजा धान, बारिश की आस में किसान

रोहतास के तिलौथू प्रखंड स्थित कई पंचायतों के किसानों को डर सताने लगा है कि कहीं उनकी जिंदगी बर्बाद ना हो जाए. दरअसल, इस साल बारिश ने बिहार से ऐसा मुंह मोड़ा है कि खेतों में दरारें पड़ गई हैं.

किसान मायूस

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Published : Aug 19, 2019, 7:43 PM IST

रोहतास:जिले को 'धान का कटोरा' कहा जाता है. लेकिन, बिहार में मौसम की मार इस कदर पड़ी है कि अब इसी धान के कटोरे में किसानों के चेहरे मायूस हैं. प्रदेश में जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं के कारण आधे जिले सुखाड़ तो आधे जिले बाढ़ से प्रभावित हैं.

बारिश ना होने से हाल बेहाल

रोहतास के तिलौथू प्रखंड स्थित कई पंचायतों के किसानों को अब इस बात का डर सताने लगा है कि कहीं उनकी जिंदगी बर्बाद ना हो जाए. दरअसल, इस साल बारिश ने बिहार से ऐसा मुंह मोड़ा है कि खेतों में दरारें पड़ गई हैं. पानी के अभाव में सिंचाई नहीं हो पाई है.

रोहतास से ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

खेती में लगा दी सारी पूंजी
नतीजतन अब खेतों में लगे धान बिल्कुल मरने की कगार पर पहुंच गए हैं. बेबस किसानों ने बताया कि अब उनके सामने कुछ नहीं बचा है. सारी पूंजी उन्होंने खेती में लगा दी अब उनके घरों में खाने तक के लाले पड़े हुए हैं. ऐसे में बस इंद्र देवता ही आसरा हैं. समय रहते अगर वर्षा नहीं हुई तो पूरा इलाका सूखे की चपेट में समा जाएगा.

जमीन में पड़ी दरार

प्रभावित किसानों को मिलेगी सरकारी मदद
वहीं, इस बारे में जब प्रखंड के नोडल पदाधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी. जो भी किसान प्रभावित होंगे, उन्हें लाभ दिया जाएगा. बहरहाल, किसानों की मायूसी देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों को केवल बारिश का इंतजार है.

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