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लॉकडाउन: फूल की खेती करने वाले किसानों की जिंदगी 'मुरझाई', सरकार से मांगी मदद

लॉकडाउन का असर रोहतास के फूलों की खेती करने वाले किसानों पर भी पड़ा है. किसानों ने कहा कि लग्न में फूलों की मांग बढ़ जाती है. लेकिन इस सीजन का लग्न तो फीका चला गया.

रोहतास
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Published : Apr 24, 2020, 4:14 PM IST

रोहतासःपूरे विश्व में कोरोना वायरस का कहर है. भारत में भी ये तेजी से पैर पसारता जा रहा है. इसके बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है. जिससे सारा काम-धंधा ठप पड़ा है. इसका सबसे ज्यादा असर मजदूरों, किसानों और छोटे व्यापारियों पर पड़ा है.

गुलाब और गेंदे की खेती
जिले के सूर्यपुरा, दिनारा और दवाथ में गुलाब और गेंदे के फुलों की खेती प्रमुखता से की जाती है. लेकिन इन दिनों यहां के किसान बदहाल हैं. उनकी फसलें या तो खेतों में बर्बाद हो रही हैं या घरों में सड़ रही हैं. लॉकडाउन में फूल का व्यापार पूरी तरह से बंद है. लिहाजा व्यापारी किसानों से फूल की मांग नहीं कर रहे हैं.

खेतों में लगे गैंदे की फूल

पेट भरने की चुनौती
फूल की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि इसकी फसल बिक्री प्रतिदिन होती थी तो इस हिसाब से हमारी आमदनी प्रतिदिन कुछ ना कुछ होती थी. लेकिन जबसे लॉकडाउन हुआ है, फूल का धंधा बिल्कुल ठप पड़ गया है. ऐसे में हमारी आमदनी एकदम से रुक गई है. परिवार का पेट भरना हमारे लिए चुनौती हो गई है.

रोहतास में प्रमुखता से होती है गैंदे की खेती

इस सीजन का लग्न फीका
किसानों ने बताया कि फूलों की खपत सबसे ज्यादा मंदिर-मस्जिद और शादी की लग्नों में होती है. मंदीर-मस्जिद तो बंद पड़े हैं और शादियों हो नहीं रहीं. ऐसे में हमें लाखों का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि लग्न में फूलों की बिक्री में उछाल आती है. इसलिए हमें लग्न का इंतजार रहता है. लेकिन इस सीजन का लग्न तो फीका चला गया.

मुआवजे की मांग
सरकार से मांग करते हुए किसानों ने कहा कि हमें प्रतिदिन हो रहे नुकसान का सरकार सुधी है. हमारे नुकसान का भी आंकलन किया जाए और मुआवजा दी जाए.

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