रोहतास: ये जिली वैसे तो धान का कटोरा कहा जाता है. मगर यहां रहने वाले हरिद्वार सिंह ने इसकी परिभाषा ही बदल दी. हरिद्वाप सिंह से मारेडन युग में ट्रेडिशनल खेती को छोड़ मॉर्डन खेती कर लाखों रुपयों की आमदनी कर रहे हैं. इससे पूरे गांव के लोगों को इन पर गर्व है.
एक वक्त था जब तिलौथू प्रखंड के रहने वाले हरिद्वार सिंह ट्रेडिशनल खेती के माध्यम से अपने खेतों में धान और गेहूं जैसे फसलों की खेती करते थें. लेकिन इन फसलों से उन्हें उतना लाभ नहीं मिलता था जिससे वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें. इसलिए उन्होंने अपना रूख मोड़कर मॉर्डन युग के साथ चलने का फैसला किया. इससे आज वो लाखों रुपये महीने की कमाई रहे हैं.
बत्तख पालन का लिया फैसला
हरिद्वार सिंह अपने गांव में ही बत्तख पालन कर लाखों रुपयों की आमदनी कर रहे हैं. इतना ही नहीं अपने साथ उन्होंने कई ऐसे लोगों को भी जोड़ रखा है, जिससे उनका परिवार खुशी से चल रहा है.
तीन हजार बत्तख का करते है पालन
हरिद्वार सिंह ने बताया कि शुरुआती दौर में उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. लेकिन धीरे-धीरे वक्त के साथ-साथ सब कुछ सामान्य होता चला गया और अब बत्तख पालन एक बड़े व्यापार के रूप में विकसित हो गया है. फिलहाल उन्होंने तकरीबन तीन हजार बत्तख पाल रखा है, जिससे वो प्रतिमाह एक लाख रुपयों की कमाई कर रहें हैं.