रोहतास:जिला मुख्यालय से चालीस किलोमीटर दूर कैमूर पहाड़ी पर भोखड़वा गांव मौजूद है. जहां इस गांव के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जारहा है. यहां के स्कूल में शिक्षा व्यवस्था बिलकुल ध्वस्त हो गई है. वहींस्कूल के शिक्षक मनमानी करते हैं.
स्कूल जिस इलाके में मौजूद है वहां अधिकारियों का पहुचना मुश्किल है. नतीजा, इसका फायदा यहां के टीचर उठाते हैं. वह कभी कभार हीं बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल आते है. वहीं बच्चों को मध्याह्न भोजन भी नहीं मिलता है तो छात्रों को सरकार की तरफ से चलने वाली तमाम योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलता. इतना ही नहीं स्कूल में न तो पीने का पानी है, ना हीं शौचालय है. क्लास रूम में गुरुजी ब्लैक बोर्ड की जगह रूम में लगी लोहे की खिड़कियों पर हीं पढ़ाते हैं.