रोहतास:बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखरका एक और विवादित बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मंदिर का रास्ता गुलामी का और शिक्षा प्रकाश का रास्ता है. शिक्षा मंत्री ने आरजेडी विधायक फतेह बहादुर का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी नहीं बल्कि हमारी माता सावित्रीबाई फुले की बात को दोहराया था.
'मंदिर का रास्ता मानसिक गुलामी का रास्ता'- चंद्रशेखर:रविवार को आरजेडी की ओर से डेहरी में सावित्रीबाई फुले जयंती समारोह का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के साथ ही आरजेडी विधायक फतेह बहादुर भी मौजूद रहे. मंच से उपस्थित लोगों को संबोधित करते समय शिक्षा मंत्री ने भी मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि राजद विधायक द्वारा दिया गया बयान कहीं से गलत नहीं है.
"षड्यंत्रकारियों ने उनकी (फतेह बहादुर) जीभ की कीमत लगा दी. खबरदार अब एकलव्य का बेटा अंगूठा दान नहीं देगा, जवाब देगा. शहीद जगदेव प्रसाद का बेटा अब आहुति नहीं देगा, अब आहुति लेना जानता है. षड्यंत्रकारी याद रखें बहुजन लोगों का इतना पसीना बहेगा कि समंदर बन जाएगा और विरोधी सात समुंदर पार खड़े नजर आएंगे. जो सीख यहां को लोगों को आज मिली है. इससे लोग जगेंगे और ऐतिहासिक परिवर्तन करेंगे."- चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री, बिहार
'ईश्वर किसी जाति के दास नहीं': साथ ही चंद्रशेखर ने सोशल साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा है कि ईश्वर किसी जाति के दास नहीं हैं, अगर ऐसा होता तो मनुवादियों द्वारा अछूत कुल में पैदा हुई माता सावित्रीबाई फुले नारी शिक्षा की प्रतीक व भारत की पहली महिला शिक्षिका नहीं हो पाती. माता सावित्रीबाई फुले की जयंती के उपलक्ष्य में डेहरी ऑन सोन में आयोजित समारोह में उद्घाटन का सौभाग्य प्राप्त हुआ. समारोह में उमड़े जनसैलाब नफरतवाद और सम्प्रदायवाद के अंत का संकेत है.
सावित्रीबाई फुले की जयंती समारोह: बिहार के रोहतास में सावित्रीबाई फुले की जयंती समारोह के बहाने राजद के कदावर नेताओं का जमावड़ा देखने को मिला. दअरसल जिले के डेहरी में राजद विधायक फतेह बहादुर की तरफ से जयंती समारोह का आयोजन किया गया था. इस मौके पर बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर व भूमि सुधार व राजस्व मंत्री आलोक मेहता , मंत्री अनिता चौधरी ने संयुक्त रूप दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया. वहीं समारोह के बहाने नेताओं ने राजनीतिक विरोधियों सहित मनुवाद पर भी जमकर हमला बोला.