रोहतास:नव वर्ष का आगाज हो चुका है. ऐसे में लोग अपने-अपने दिन की शुरुआत मंदिरों में पूजा-अर्चना के साथ कर रहे हैं. नव वर्ष के अवसर पर ताराचंडी धाम गुलजार नजर आ रहा है. सिद्ध शक्तिपीठ मां ताराचंडी के दर्शन के लिए भक्त पहुंच रहे हैं. इस दौरान ताराचंडी पूजा कमेटी के लोग सोशल डिस्टेंसिंग के तहत माता रानी का दर्शन कराने के लिए तत्पर दिख रहे हैं. वहीं, भक्त फूल-माला व पूजा का प्रसाद लेने में भी सतर्क नजर आ रहे हैं.
भक्तों का कहना है कि कोरोना के चलते महीनों से माता रानी के दर्शन नहीं हुए थे. नए साल में माता रानी कोरोना संक्रमण से हमें मुक्ति दिलाएंगी. सोनम और मोनिका कहती हैं कि 2020 में कोरोना के कारण काफी परेशानी हुई. माता रानी के आशीर्वाद से नया साल अच्छा होगा. यही मनोकामना लेकर ताराचंडी धाम आईं हैं. माता रानी उनकी मनोकामना पूर्ण करेंगी.
यहां गिरा था सती का दायां नेत्र
गौरतलब है कि 51 शक्तिपीठों में से एक मां ताराचंडी मंदिर सासाराम से पांच किलोमीटर की दूरी पर कैमूर पहाड़ी की गुफा में स्थित है. मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर इस मंदिर के पास पहाड़, झरने और अन्य जल स्त्रोत हैं. इस पीठ के बारे में किवदंती है कि सती के तीन नेत्रों में से भगवान विष्णु के चक्र से खंडित होकर दायां नेत्र यहीं पर गिरा था जो तारा शक्तिपीठ के नाम से विख्यात हुआ. कहा जाता है कि महर्षि विश्वामित्र ने इस पीठ का नाम तारा रखा था. यहां परशुराम ने मां तारा की उपासना की थी. मां तारा इस शक्तिपीठ में बालिका के रूप में प्रकट हुई थीं और यहीं पर चंड का वध कर चण्डी कहलाई थी.
पटना के मंदिरों में दिखी भीड़
2021 का आगाज होते ही पटना के सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ होने लगी है. लोग पूजा करके नए साल की शुरुआत करते हैं. इसी कड़ी में अगमकुआं स्थित शीतला मंदिर, शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी और छोटी पटनदेवी समेत कई मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की. भक्तों ने माता से नए साल में प्यार, सहयोग, उत्साह और समृद्धि की कामना की.