रोहतास:जिले के शिवसागर प्रखंड के चमराहा गांव के किसान प्रकाश कुमार ब्लैक राइस की खेती कर रहे हैं. यह खेती पूरे गांव में आश्चर्य का विषय बनी हुई है. यह राइस शुगर फ्री है. इसको करने में प्रकाश केवल जैविक खाद का ही उपयोग करते हैं.
ब्लैक राइस बना चर्चा का विषय
जिले को वैसे तो धान का कटोरा के नाम से जाना जाता है. लेकिन यहां के शिवसागर प्रखंड के चमराहा गांव के किसान प्रकाश कुमार ने ऐसे धान की खेती की है जो पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. प्रकाश कुमार जैविक खेती के माध्यम से ब्लैक राइस पैदा कर रहे हैं.
मणिपुर से लाये गये हैं इसके बीज काले चावल में कोलेस्ट्रोल की मात्रा नहीं
वैसे तो इस चावल की कीमत आम चावलों से कई गुना ज्यादा है. लेकिन ब्लैक राइस की अपनी एक अलग ही पहचान है. इस काले चावल में कैलेस्ट्रोल की मात्रा बिल्कुल ना के बराबर होता है. वहीं यह चावल शुगर फ्री भी है. शुगर के मरीज चावल को बिना किसी परेशानी के खा सकते हैं.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट 15 सौ रुपये किलो हैं इसके बीज
किसान प्रकाश कुमार ने बताया कि पिछले 2 सालों से इसकी खेती कर रहे हैं. यह ब्लैक राइस का बीज उन्हें मणिपुर से मिला. बीज काफी महंगा होता है जिस वजह से इसकी मांग भी काफी है. उन्होंने बताया कि तकरीबन 15 सौ रुपये किलो का बीज खरीद कर ब्लैक राइस की खेती की है. वहीं इसकी फसल तैयार होने के बाद इसकी डिमांड काफी बढ़ जाती है. क्योंकि जिले में ब्लैक राइस की खेती फिलहाल किसी ने नहीं शुरु की है.
जैविक खाद से पैदा होता है ब्लैक राइस
प्रकाश कुमार ने बताया कि फिलहाल इस चावल का मार्केट भाव तकरीबन 1हजार किलो आंका गया है. ऐसे में किसानों इसकी खेती कर अच्छी खासी कमाई अर्जित कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि आम धान की खेती के तरह ही ब्लैक राइस की भी खेती की जाती है. इसमें सबसे अहम बात यह है कि यह पूरी तरीके से जैविक खेती पर आधारित है. उन्होंने बताया कि ब्लैक राइस की खेती करने में उन्होंने तालाब के पानी का उपयोग किया. साथ ही खेतों में यूरिया और खाद की जगह पर जैविक खाद का प्रयोग किया. जिससे यह पूरी तरीके से फायदेमंद साबित होगी. बता दें कि किसान प्रकाश कुमार पेशे से वकील हैं, लेकिन पिछले कई सालों से वह अपने घर पर ही रह कर खेती करने में मशगूल हैं.