सासाराम :बिहार में जातीय जनगणना को लेकर चल रही बयानबाजी रुकने का नाम नहीं ले रही है. इस क्रम में बीजेपी द्वारा एक बार फिर से सरकार को घेरने का प्रयास किया गया है. दरअसल, सासाराम से भाजपा सांसद छेदी पासवान ने जातीय जनगणना को लेकर सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने जातीय जनगणना को सिरदर्द बताया है.
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रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया:सांसद छेदी पासवान ने जातीय गणना के रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया. साथ ही कहा कि आज बिहार में जातियों की नहीं, बल्कि गरीबों की गिनती करने की आवश्यकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार में बहुत तेजी से गरीबी बढ़ी है.
सोची समझी नीति के तहत हुआ काम: उन्होंने सासाराम में अपने आवास पर आम लोगों से मुलाकात के दौरान उक्त बातें कही. भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि जातीय गणना के रिपोर्ट को जारी करने में पूरी तरह से मनमानी की गई है. सोची समझी नीति के तहत कुछ खास जातियों की संख्या को कम किया गया है.
यह सरकार की मोनोपोली है: उन्होंने नीतीश सरकार पर आरोप लगाया कि यह एक तरह की सरकार की मोनोपोली है, यह आंकड़े आने वाले समय में बिहार के लिए सिर दर्द बन जाएगी. आज सरकार को गरीबों के हित के लिए योजना बनाना चाहिए. लेकिन बिहार की सरकार जाति के आधार पर हिस्सेदारी और भागीदारी की बात कर रही है. जबकि गरीब उत्थान की बात होनी चाहिए. गौरतलब हो कि बिहार सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जाति आधारित सर्वेक्षण के नतीजे सार्वजनिक किया है. हालांकि जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी करने के पहले से ही विपक्ष सरकार पर हमलावर थी.