पटनाःबिहार के सासाराम में भाजपा नेताओं के साथ प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने आज तीन मई को सासाराम में धरना प्रदर्शन करने की घोषणा की है. भाजपा नेताओं ने कहा है कि हिंसा मामले में चल रही कार्रवाई के दौरान बिहार सरकार भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है. सरकार की इस दमनकारी नीति का भाजपा संवैधानिक तरीके से जवाब देगी. बिहार सरकार की गलत नीतियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सरकार से दो-दो हाथ करने का फैसला लिया है. आज सासाराम की धरती से सम्राट चौधरी आंदोलन की शुरुआत करने जा रहे हैं.
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भारतीय जनता पार्टी सासाराम के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद की गिरफ्तारी पर नाराज है, एक महीने बाद गिरफ्तारी से भाजपा नेताओं का गुस्सा सातवें आसमान पर है भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने रामनवमी पर्व के मौके पर सासाराम में हुई हिंसक घटना के मामले में एक महीने बाद भाजपा के नेता और पांच बार विधायक रहे जवाहर प्रसाद की गिरफ्तारी को साजिश बताया है, उन्होंने नीतीश सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि जितनी ताकत है, लगा लें. इसेक बाद बिहारशरीफ भी जाएंगे. सम्राट चौधरी ने ये भी कहा है कि कैंडल मार्च, ज्ञापन, आंदोलन के माध्यम से सरकार को बाध्य किया जाएगा कि वे एकतरफा कार्रवाई ना करे.
पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद की गिरफ्तारी का विरोधः गौरतलब है कि रामनवमी के दौरान सासाराम और बिहारशरीफ में बवाल हो गया था, जिसके बाद पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था. इस बीच बीते शुक्रवार देर रात भाजपा के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. जवाहर प्रसाद 1990 से सासाराम विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे हैं. इस मामले में अब तक कुल 63 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसके अलावा न्यायालय से प्राप्त गैर जमानती वारंट के आधार पर मो. शाहनवाज आलम उर्फ लखानी को भी गिरफ्तार किया गया है. वहीं, कोर्ट द्वारा जारी गैर जमानती वारंट के आधार पर 38 अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी जारी है.
रामनवमी जुलूस के दौरान भड़की थी हिंसाःबता दें कि 31 मार्च को सासाराम में दुर्गा पूजा और रामनवमी जुलूस के दौरान दोनों पक्षों में तनाव हो गया था. दोनों गुटों के बीच जमकर ईंट-पत्थर चले और फायरिंग भी हुई. इसके बाद बदमाशों ने आगजनी और तोड़फोड़ की. तनाव को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 2 अप्रैल को होने वाली रैली को टाल दिया गया है. इसके साथ ही इलाके में करीब एक हफ्ते तक इंटरनेट पर भी रोक लगा दी गई थी. इस हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा था.