रोहतास:बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Bihar Agriculture Minister Sudhakar Singh) के रसूख का असर अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है. ताजा मामला डेहरी का है. जहां किसानों द्वारा खरीदे गए कृषि यंत्र जब घटिया किस्म का पाया गया. तब शिकायत मिलते ही कृषि मंत्री ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विभाग के संयुक्त निदेशक को डेहरी भेजा तथा किसानों की समस्या का ऑन स्पॉट समाधान करवाया.
ये भी पढ़ें-कृषि मंत्री सुधाकर सिंह बोले- 'मेरे विभाग के अधिकारी चोर, मिले तो जूता से पीट दीजिए'
किसानों को मिली राहत:मंत्री के प्रयास के बाद किसानो को राहत मिली है. किसान पिछले दो साल से परेशान थें. डेहरी के सुअरा गांव के रहने वाले श्रीराम कृषक सहकारी समिति (Farmers Co operative Society) के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने अप्रैल 2020 में कस्टम हायरिंग योजना के तहत 4 लाख 75 हजार रूपए के कृषि यंत्र की खरीदारी की थी. जिसमें पैड़ी, थ्रेशर तथा अन्य मशीन शामिल था. लेकिन कुछ दिनों के बाद मशीन खराब हो गई. वहीं डीलर से लगातार शिकायत करने के बावजूद भी मशीन को बदला या सुधारा नहीं गया.
मंत्रियों और अधिकारियों से लगाए थे गुहार:कृषक सहकारी समिति के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने पूर्व के मंत्री तथा विभागीय अधिकारियों से कई बार गुहार लगाया था. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. मंत्री की फटकार के बाद मामले पर संज्ञान में लेते हुए विभाग के संयुक्त निदेशक सर्वजीत कुमार को डेहरी भेजा गया तथा निर्देश दिया कि किसानों की समस्या का त्वरित समाधान हो अन्यथा कृषि यंत्र आपूर्ति करने वाली कंपनी को विभाग द्वारा ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए. जिसके बाद अधिकारियों की टीम पहुंची और डीलर से मिलकर किसानों को नई कृषि यंत्र उपलब्ध कराया. और मशीन के खराब होने पर उसकी जिम्मेदारी आपूर्ति करने वाले डीलर को दी गई.
"जब सुधाकर सिंह कृषि मंत्री बने. उनके तेवर को देखते हुए किसानों ने फिर से पूरे मामले को लेकर मंत्री के पास पहुंचा तथा अधिकारियों और डीलर के मिलीभगत से किसानों को मिलने वाले घटिया मशीन के बारे में बताया".-महेंद्र प्रताप सिंह, कृषक सहकारी समिति
ये भी पढ़ें-चौथे कृषि रोडमैप से अलग रहेंगे अधिकारी, कृषि मंत्री ने कहा-विशेषज्ञों से हो रही बातचीत