रोहतास: सरकार एक तरफ स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. वहीं, दूसरी तरफ जिले के एक उप स्वास्थ्य केंद्र का इस्तेमाल ग्रामीण शादी समारोह के आयोजन स्थल के रूप में कर रहे हैं. इस संबंध में सिविल सर्जन जनार्दन शर्मा ने बताया कि वो भवन स्वास्थ्य विभाग का नहीं है.
मामला जिले के बेदा गांव स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. इस स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी से मरीज भी इलाज कराने नहीं आते हैं. ईटीवी भारत के संवाददाता जब वहां पहुंचे, तो अस्पताल में ताला लगा हुआ पाया. वहां कोई भी अस्पताल कर्मी मौजूद नहीं था. साथ ही एएनएम का मोबाइल भी बंद था. स्वास्थ्य केंद्र के परिसर का इस्तेमाल ग्रामीण शादी समारोह के आयोजन स्थल के रूप में कर रहे थे.
'प्रधान सचिव से तीन बार मिल चुका हूं'
इस संबंध में सिविल सर्जन जनार्दन शर्मा ने बताया कि बेदा गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र है. वो केंद्र विभाग के जमीन में नहीं है. डॉक्टरों की वहां घोर अभाव है. इस संबंध में कई बार शिकायत भी कर चुका हूं. साथ ही इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से भी तीन बार मिल चुका हूं. लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.
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इलाज के लिए जाना पड़ता है सासाराम
बता दें कि बेदा गांव के लोगों को उप स्वास्थ्य केंद्र में इलाज की व्यवस्था नहीं मिल पाती है. यहां डॉक्टर ही नहीं हैं. इस वजह से उन्हें इलाज के लिए सासाराम जाना पड़ता है. ग्रामीणों को इस उप स्वास्थ्य केंद्र से कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पाता है. ये स्वास्थ्य केंद्र महज शोभा की वस्तु बन हुई है. लेकिन इनके समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है.