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ये है आदर्श ग्राम सांसद छेदी पासवान का, ना अस्पताल न एटीएम न ही पोस्ट ऑफिस - adarsh gram yojna

कैमूर पहाड़ी के करीब बसा ये गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. विकास के नाम पर यहां के सांसद ने इस गांव के प्रवेश द्वार पर सिर्फ एक बड़ा सा गेट बनवा दिया है.

मल्हीपुर गांव

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Published : Apr 10, 2019, 2:20 PM IST

रोहतासः देश के तमाम सांसदों को अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में किसी एक गांव को गोद लेने की बात कही गई थी. सासाराम लोकसभा क्षेत्र के सांसद छेदी पासवान ने भी अपने संसदीय क्षेत्र के चेनारी प्रखंड के मल्हीपुर गांव को गोद लिया था. ताकि उस गांव की तकदीर बदली जा सके. लेकिन हकीकत में गोद लेने के बाद गांव में विकास के नाम पर महज खानापूर्ति ही की गई.

दरअसल, कैमूर पहाड़ी के करीब बसा ये गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. आदर्श ग्राम के तहत इस गांव में तमाम ऐसी बुनियादी सुविधाएं देने का वादा किया गया था. जिसमें बैंक, हॉस्पिटल, एटीएम से लेकर स्ट्रीट लाइट जैसी कई सुविधाएं शामिल हैं. लेकिन आदर्श ग्राम मल्हीपुर में इन तमाम चीजों का घोर अभाव है. यहां ना तो पोस्ट ऑफिस है और ना ही मरीजों के लिए अस्पताल. इतना ही नहीं लोगों को पैसे निकालने के लिए एक एटीएम तक सांसद के द्वारा मोहय्या नहीं कराया गया. ऐसे में पैसे निकालने के लिए 20 किलोमीटर दूर चेनारी जाना पड़ता है.

मल्हीपुर गांव का प्रवेश द्वार

सिर्फ बनवाया आलिशान गेट
वैसे तो यहां काम चलाने के लिए बैंक का सर्विस सेंटर खोला गया है. लेकिन उस सर्विस सेंटर से महज 10000 ही कैश में निकासी की जा सकती है. लिहाजा जब गांव के लोगों को अधिक पैसों की जरूरत पड़ती है तो वह चिनारी का रुख करते हैं. साफ है सांसद के द्वारा जितना वादा किया गया था उतना वादा पूरा होता दिख नहीं रहा है. गांव में विकास के नाम पर सांसद छेदी पासवान ने गांव के प्रवेश द्वार पर एक आलीशान गेट बनावाया है. जिस पर बड़ी खूबसूरती से आदर्श ग्राम मल्हीपुर लिखा हुआ है.

जानकारी देते ग्रामीण

गांव वालों का क्या है कहना
गांव के नौजवानों से जब इस सिलसिले में बात की गई तो वहां के नौजवानों में खासी निराशा देखने को मिली. उन तमाम नौजवानों का कहना था कि इस बार के चुनाव में जात पात नहीं विकास के मुद्दे पर ही वोट दिया जाएगा. लिहाजा गांव के कई लोगों ने बताया कि सांसद छेदी पासवान ने इस गांव के लिए कुछ भी नहीं किया है. सिर्फ एक गेट बनावाया है. इस गेट से गांव का विकास नहीं हो सकता है. गांव के लोगों का गुस्सा साफ था, महिलाओं ने भी छेदी पासवान के विरोध में कई अहम बातें कहीं. जिससे साफ जाहिर होता है कि छेदी पासवान ने जिस गांव को गोद लिया था उस गांव के लोग काफी नाराज हैं.

बहरहाल, सासाराम लोकसभा का चुनाव अंतिम चरण में 19 मई को होने वाला है. अब देखना यह होगा कि क्या क्षेत्र के लोग कांग्रेस की नेत्री मीरा कुमार को इस बार जीत का ताज पहन आएंगे या फिर सांसद छेदी पासवान को जिता कर मोदी की सेना में शामिल करेंगे.

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