पूर्णिया: हैदराबाद में लेडी वेटनरी डॉक्टर के साथ हुए रेपकांड की गूंज अब बिहार तक पहुंच चुकी है. सूबे के तमाम जिलों से विरोध प्रदर्शन की अलग-अलग तस्वीरें सामने आने लगी हैं. सियासी हलकों से लेकर महिला संगठनों का आक्रोश जहां सड़कों पर साफ देखा जा सकता है. वहीं क्लासरूप और कॉपी-किताबों का दामन छोड़ शैक्षणिक संस्थानों की छात्राएं 'वी वांट जस्टिस' तख्तियां थाम सड़कों पर उतर चुकी हैं.
धीमी कानूनी प्रक्रिया के खिलाफ फूटा सबका गुस्सा
लेडी वेटनरी डॉक्टर के साथ हुए गैंगरेप और मर्डर के बाद नारी शक्ति के आक्रोश और उबाल के बीच रेप, खौफ और महिला सुरक्षा जैसे सवालों के साथ ईटीवी भारत की टीम ने कई महिलाओं से बात-चीत की. सिस्टम की लचर प्रणाली, धीमी कानूनी प्रक्रिया के खिलाफ सबका गुस्सा फूट पड़ा.
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बेटों को समझाने का वक्त
इस पूरे मामले में महिला संगठनों का उबाल सातवें आसमान पर है. मारवाड़ी महिला सम्मलेन अध्यक्ष की डॉ निशा प्रकाश की मानें तो पिछली घटनाओं से सबक लेने के बजाए सात साल बाद एक बार फिर ऐसी घटना की पुनरावृत्ति देश पर कलंक जैसी है. निशा कहती हैं कि ऐसी घटनाओं को तभी रोका जा सकता है जब दोषियों को ऑन द स्पॉट दर्दनाक सजा सुनाई जाए. इसके साथ ही अब वक्त है अपने बेटों को यह समझाने का कि बाहर सड़कों पर उनकी बहनें ही हैं,और उन्हें भी उनकी रक्षा करनी हैं. जब मांए अपने बेटों को यह समझा देंगी उस दिन ऐसी घटना खुद दम तोड़ देगीं.
दोषियों में कानून का खौफ नहीं
वहीं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की महिला संयोजक पंकज कुमारी भी गुस्से से भरी हैं. वे कहती हैं कि लेडी डॉक्टर प्रकरण में भी दामिनी रेप कांड की तरह दोषियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत पर भेजा जाना असंतोषजनक है. दामिनी केस में लेटलतीफी हुई, दोषियों के प्रति सॉफ्ट कार्नर अपनाया गया. नतीजतन ऐसी घटनाओं को शह मिली. दोषियों में कानून का खौफ पैदा न होना ही इस घटना के दोहराव का कारण है. पंकज कहती हैं इस बार कैंडल और ट्रायल के बजाए जरूरत है अध्यादेश को मंजूरी देने की, ताकि ऑन द स्पॉट इन्हें मौत की सजा सुनाई जा सके.
24 घंटे के भीतर मौत की सजा देने की मांग
हैदराबाद में महिला वेटनरी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी की वारदात पर महिला चिकित्सकों में खासा उबाल है. रेपकांड से आहत महिला चिकित्सक रेप जैसी जघन्य घटनाओं को अंजाम देने वाले दरिंदों को 24 घंटे के भीतर मौत की सजा देने की मांग कर रही हैं. रेप जैसी घटना को लेकर डॉक्टर ने सरकार को कई दूसरे देशों के मॉडल को प्रचलन में लाने की बात की.