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स्वास्थ्य सुविधाओं में बिहार में पूर्णिया सबसे आगे, दो अस्पतालों को मिला 'लक्ष्य' सर्टिफिकेट

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Published : Mar 23, 2020, 4:45 PM IST

Updated : Mar 23, 2020, 9:44 PM IST

पूर्णिया के दो अस्पताल को बेहतर सुविधा और सेवाओं के मामले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से 'लक्ष्य' सर्टिफिकेट दिया गया है.

purnea got Lakshya certificate
जिले के दो अस्पतालों को मिला 'लक्ष्य' सर्टिफिकेट

पूर्णिया:सीमांचल के एम्स के नाम से मशहूर सदर अस्पताल ने एक बार फिर सूबे के तमाम सरकारी अस्पतालों को बेहतर सुविधा और सेवाओं के मामले में पीछे छोड़ते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से दिए जाने वाला 'लक्ष्य' सर्टिफिकेट अपने नाम कर लिया है. इस साल लक्ष्य सर्टिफिकेट हासिल करने वालों में पूर्णिया और बांका शामिल है. लिहाजा पूर्णिया को जहां लक्ष्य के दो तो वहीं बांका को लक्ष्य का एक सर्टिफिकेट मिला है.

पिछले साल भी मिला था सर्टिफिकेट
बता दें स्वास्थ्य जगत में बेहतर सेवा और सुविधा के लिए दिए जाने वाले लक्ष्य सर्टिफिकेट को पिछले साल भी पूर्णिया सदर अस्पताल ने अपने नाम किया था. लिहाजा केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत पूर्णिया सदर अस्पताल के लेबर रूम को लक्ष्य सर्टिफाइड घोषित कर वार्ड के विकास के लिए 3 लाख रुपये दिए गए थे.
लक्ष्य के दो सर्टिफिकेट पूर्णिया को तो वहीं लक्ष्य का एक सर्टिफिकेट बांका को मिला है. हालांकि सबसे खास बात यह रही कि इस बार पूर्णिया सदर अस्पताल के साथ ही बनमनखी अनुमंडल अस्पताल को भी लक्ष्य सर्टिफाइड घोषित किया गया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

8 मानक होते हैं शामिल
91 अंकों के साथ पूर्णिया सदर अस्पताल के मेटरनिटी ऑपरेशन थिएटर को प्लैटिनम अवार्ड मिलने पर 3 लाख रुपये मिलेंगे. वहीं 88 अंक अर्जित करने वाले बनमनखी अनुमंडल अस्पताल को इसके तहत 2 लाख का प्रोत्साहन राशि दिया जाएगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से जारी किया जाने वाला लक्ष्य सर्टिफिकेट किसी जिले में मौजूद स्वास्थ्य महकमे के विभिन्न सेवाओं और सुविधाओं के निरीक्षण और अन्वेषण के बाद दी जाती है. जिसके तहत 8 मानक शामिल होते हैं. इनमें सर्विस प्रोविजन ,रोगी के अधिकार, इनफेक्शन कंट्रोल, इंफ्रास्ट्रक्चर स्पोर्ट, सपोर्ट सर्विस निरीक्षण और रखरखाव, गुणवत्ता प्रबंधन, आउटकम इंडिकेटर जैसे मानकों का अवलोकन किया जाता है.

जिले के दो अस्पतालों को मिला 'लक्ष्य' सर्टिफिकेट

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नेशनल टीम ने किया था निरीक्षण
इस मामले पर सिविल सर्जन मधुसूदन प्रसाद ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने और सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से इस योजना की शुरुआत की गई थी. इसके तहत कई मांगों को परखने के बाद किसी अस्पताल को लक्ष्य सर्टिफाइड किया जाता है.

इसके लिए 23 से 24 जनवरी को नेशनल टीम ने सदर अस्पताल और बनमनखी अनुमंडल अस्पताल का निरीक्षण किया था. केंद्रीय टीम ने इसके बाद ही जिले के स्वास्थ्य महकमे को लक्ष्य सर्टिफाइड किया था. उन्होंने कहा कि लक्ष्य सर्टिफिकेट की सूचना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सचिव विकासशील ने बिहार सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार को पत्र लिख कर दिया है.

Last Updated : Mar 23, 2020, 9:44 PM IST

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